केंद्रीय कैबिनेट ने गुरुवार को को कृषि क्षेत्र का निर्यात 2022 तक दोगुना कर 60 अरब डालर पर पहुंचाने के लक्ष्य को सामने रखते हुये कृषि निर्यात नीति को मंजूरी दे दी है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने मंत्रिमंडल के निर्णय की जानकारी देते हुये कहा कि कृषि निर्यात नीति का मकसद क्षेत्र से चाय, काफी, चावल व अन्य जिंसों के निर्यात को बढ़ावा देना है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे वैश्विक कृषि व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने में मदद मिलेगी. मंत्रिमंडल की बैठक के बाद सुरेश प्रभु ने कहा कि कृषि निर्यात नीति का लक्ष्य वर्ष 2022 तक देश का कृषि निर्यात दोगुना कर 60 अरब डालर तक पहुंचाना है. इस नीति में कृषि निर्यात से जुड़े सभी पहलुओं पर गौर किया गया है.
Glad to see that the Union Cabinet has cleared Agriculture Export Policy, the first ever policy to have been brought out by Govt of India till date.Incidentally, this is also my first policy announcement after taking charge as Commerce & Industry Minister. #AgriExportPolicy2018
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) December 6, 2018
सुरेश प्रभु ने कहा कि नीति में ढांचागत सुविधाओं का आधुनिकीकरण, उत्पादों का मानकीकरण, नियमन को बेहतर बनाना, बिना सोचे फैसले फैसलों पर अंकुश और शोध एवं विकास गतिविधियों पर ध्यान दिया गया है. वाणिज्य मंत्री ने कहा कि नीति में जैविक उत्पादों के निर्यात पर लगे सभी तरह के प्रतिबंधों को हटाने पर भी जोर दिया गया है.
एक अधिकारी के मुताबिक इस नीति के क्रियान्वयन में अनुमानित 1,400 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रभाव होगा.