कोयला सेक्टर में बड़े बदलाव पर कैबिनेट की मुहर लग गई है. इसके तहत निजी कंपनियों को बाजार में कोयला बेचने की छूट दी जाएगी. कैबिनेट ने सोमवार को कोल आर्डिनेंस को मंजूरी दे दी है.
इससे पहले केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा आवंटित कोयला ब्लॉक आवंटन रद्द किए जाने के कारण लंबित मामलों के निपटारे के लिए यह निर्णय लिया गया. जेटली ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सरकार राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को अध्यादेश जारी करने का सुझाव देगी.
उन्होंने कहा, 'मंत्रिमंडल ने लंबित मुद्दों के समाधान के लिए अध्यादेश जारी करने की सलाह राष्ट्रपति को देने की सिफारिश की है. इन मुद्दों में कोयला ब्लॉक आवंटन रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद की स्थिति भी शामिल है.'
जेटली ने कहा कि अध्यादेश के तहत सभी रद्द किए गए आवंटित कोयला ब्लॉकों को तीन मुख्य श्रेणियों विद्युत, इस्पात और सीमेंट में फिर से नीलामी के लिए रखा जाएगा. इन कोयला ब्लॉकों की उसके वास्तविक उपयोगकर्ताओं को पारदर्शी तरीके से ई-ऑक्शन के जरिए नीलामी की जाएगी. नीलामी प्रक्रिया में सरकार के पास निर्णय लेने का कोई अधिकार नहीं रहेगा.
जेटली ने कहा, 'यूपीए की पिछली सरकार ने जितने भी गड़बड़झाले किए हैं, उन सबको अगले चार महीनों में सुलझा लिया जाएगा.' जेटली ने पत्रकारों को बताया कि विवादित सभी कोयला ब्लॉक पूर्वी क्षेत्र में स्थित हैं और नीलामी के जरिए एकत्रित राजस्व संबंधित राज्य को दे दिया जाएगा. मंत्रिमंडलीय बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की.
- इनपुट IANS से.