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झारखंड में लगेगा राष्‍ट्रपति शासन, कैबिनेट की मंजूरी

केन्द्र सरकार ने झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की गुरुवार को सिफारिश की. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में सुबह हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में तय किया गया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की जाएगी.

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केन्द्र सरकार ने झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की गुरुवार को सिफारिश की. प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में सुबह हुई केन्द्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में तय किया गया कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से झारखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की जाएगी.

बैठक में झारखंड के राज्यपाल सैयद अहमद की रिपोर्ट पर चर्चा की गयी. उन्होंने ही राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की थी. कैबिनेट ने तय किया कि राज्यपाल की सिफारिश को स्वीकार किया जाए और इसे आवश्यक कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाए. झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा प्रदेश की गठबंधन सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने इस्तीफा दिया था.

झारखंड का गठन 2000 में हुआ था और राज्य में दो बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है. मौजूदा संकट आठ जनवरी को शुरू हुआ था जब भाजपा के गठबंधन साझेदार झामुमो ने राज्यपाल को पत्र लिखकर औपचारिक रूप से सरकार से समर्थन वापस ले लिया था.

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मौजूदा संकट आठ जनवरी को शुरू हुआ था जब भाजपा के गठबंधन साझेदार झामुमो ने राज्यपाल को पत्र लिखकर औपचारिक रूप से सरकार से समर्थन वापस ले लिया था.

झारखंड विधानसभा में 82 सीटें हैं. भाजपा और झामुमो के 18-18 सदस्य हैं. आल झारखंड स्टूडेण्ट्स यूनियन के 6, जदयू के 2, 2 निर्दलीय और 1 मनोनीत सदस्य गठबंधन सरकार के साथ थे.

विपक्षी कांग्रेस के पास 13 सदस्य हैं. झारखंड विकास मोर्चा (पी) के 11, राजद के 5 तथा भाकपा माले (लिबरेशन), मार्क्‍सवादी समन्वय पार्टी, झारखंड पार्टी( एक्का), झारखंड जनाधिकार मंच और जय भारत समता पार्टी के 1-1 सदस्य हैं जबकि 1 सदस्य निर्दलीय है.

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