कोलगेट और रेल घूसकांड में घिरी यूपीए सरकार अपनी छवि सुधारने की कवायद में जुटी गई है. खबर है कि यूपीए की चौथी सालगिरह से पहले यानी कि 22 मई को कैबिनेट में फेरबदल होगा.
इस फेरबदल में कानून मंत्री अश्विनी कुमार का मंत्रालय बदला जा सकता है और रेल मंत्री पवन बंसल को कुर्सी से हाथ धोना पड़ सकता है. भरोसेमंद सूत्रों की माने तो क़ानून मंत्रालय का ज़िम्मा मनीष तिवारी को सौंपा जा सकता है जबकि रेल मंत्रालय सी पी जोशी को दिया जा सकता है. यानी मनमोहन सिंह के कोटे के दोनो मंत्री की जगह 10 जनपथ के करीबी मोर्चा संभालेंगे. जानकारी के मुताबिक अरसे बाद मंत्रिमंडल विस्तार की भूमिका सोनिया गांधी के राजनीतिक सचिव अहमद पटेल लिख रहे है.
इस संबंध में गुरुवार को कांग्रेस नेता एके एंटनी और अहमद पटेल ने पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की.हालांकि कानून मंत्री अश्विनी कुमार को लेकर उम्मीद की जा रही है कि उन्हें श्रम मंत्रालय दिया जा सकता है. लेकिन यह तभी संभव है जब केंद्रीय श्रम मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे कर्नाटक के मुख्यमंत्री बनाए जाएं. वहीं, रेल मंत्री के लिए सी पी जोशी के नाम की चर्चा है. अगर पवन बंसल को रेल मंत्रालय से हटाया जाता है तो सी पी जोशी की यहां इंट्री हो सकती है.
गौरतलब है कि बुधवार को सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट बदलने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कानून मंत्री को फटकार लगाई थी. वहीं, रेल मंत्री पवन कुमार बंसल रेलवे घूसकांड के मामले में फंसे हैं. दरअसल, बंसल के भांजे विजय सिंगला पर रेलवे बोर्ड के पद के लिए सौदेबाजी करने का आरोप लगा है.
कानून मंत्री अश्विनी कुमार का बदलेगा मंत्रालय!
सूत्रों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी के बाद प्रधानमंत्री ने कानून मंत्री पर कार्रवाई करने का मन बना लिया है. मनमोहन सिंह कानून मंत्री बदलने पर विचार कर रहे हैं. हालांकि फैसला लेने से पहले वे तथ्यों पर गौर कर रहे हैं. एटॉर्नी जनरल जीई वाहनवती ने गुरुवार को पहले पीएम से मुलाकात की. इसके बाद कानून मंत्री अश्विनी कुमार की खुद पीएम से मिलने की खबरें आईं. हालांकि बाद में अश्विनी कुमार ने इससे इनकार कर दिया.
रेल मंत्री पवन बंसल की जाएगी कुर्सी!
रेलवे बोर्ड में पद की सौदेबाजी के 'खेल' की आंच पवन बंसल की कुर्सी तक पहुंच गई है. सीबीआई ने रेल मंत्री के भांजे विजय सिंगला और पश्चिमी रेलवे के एक अधिकारी को इस सिलसिले में गिरफ्तार किया है. रेल मंत्री के भांजे पर 90 लाख रुपये घूस लेने का आरोप है. इसके बाद और खुलासे हुए. सीबीआई सूत्रों की मानें तो तबादले और नियुक्ति के लिए विजय सिंगला अपने मामा के रसूख इस्तेमाल कर रहा था. इसका खुलासा आरोपियों के फोन कॉल्स रिकॉर्ड से हुआ. सीबीआई ने बंसल के निजी सचिव राहुल भंडारी से भी पूछताछ की और अगली बारी रेल मंत्री की हो सकती है.
दरअसल, विजय सिंगला ने पूछताछ में बड़ी साजिश का इशारा किया था जबकि बंसल ने उससे किसी भी कारोबारी रिश्ते से इनकार किया. लेकिन सिंगला की कंपनियों के दस्तावेज इन दावों को खारिज करते हैं. इन कारणों से रेल मंत्री पर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है.