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मोदी सरकार: कैबिनेट फेरबदल 2 सितंबर से पहले, रेल और रक्षा मंत्रालय पर निगाहें

वहीं रक्षा मंत्रालय जैसे अहम पद पर भी कैबिनेट फेरबदल के दौरान निगाहें होंगी. मॉनसून सत्र खत्म होने के बाद से ही कैबिनेट फेरबदल की चर्चा तेज हो चुकी है. हालांकि गुजरात राज्यसभा चुनाव आदि की वजह से फेरबदल की तारीख आगे बढ़ती रही. ऐसे में अब मोदी सरकार अपने तीसरे कैबिनेट फेरबदल के लिए तैयार है.

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मोदी कैबिनेट में होगा फेरबदल
मोदी कैबिनेट में होगा फेरबदल

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केंद्र सरकार मौजूदा विवादों के बीच जल्द कैबिनेट फेरबदल कर सकती है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि सुरेश प्रभु की इस्तीफ़े की पेशकश के बाद जल्दी होने वाले कैबिनेट फेरबदल में उनकी छुट्टी होगी. कैबिनेट में यह फेरबदल 25 अगस्त से दो सितंबर के बीच हो सकता है. इसकी वजह यह है कि तीन सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन को रवाना हो जाएंगे. इससे पहले 18 अगस्त से पहले कैबिनेट में फेरबदल की योजना थी, लेकिन जेडीयू के साथ गठबंधन को लेकर इसमें देरी हो रही है.

सूत्रों के मुताबिक मंत्रिपरिषद में करीब एक दर्जन फेरबदल हो सकते हैं. सूत्रों की मानें तो सरकार उनके इस्तीफ़े को रेल हादसों से जोड़कर नहीं दिखाना चाहती हैं बल्कि ऐसा शो करना चाहती हैं कि कैबिनेट फेरबदल में उनको हटाया हैं. वहीं रक्षा मंत्रालय जैसे अहम पद पर भी कैबिनेट फेरबदल के दौरान निगाहें होंगी.

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मानसून सत्र खत्म होने के बाद से ही कैबिनेट फेरबदल की चर्चा तेज हो चुकी है. हालांकि गुजरात राज्यसभा चुनाव आदि की वजह से फेरबदल की तारीख आगे बढ़ती रही. ऐसे में अब मोदी सरकार अपने तीसरे कैबिनेट फेरबदल के लिए तैयार है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मंत्रिपरिषद में बदलाव को लेकर चर्चा की है.

कई के पास ज्यादा मंत्रालय

अभी मोदी सरकार में ऐसे कई मंत्री हैं जिनके पास एक से ज्यादा महत्वपूर्ण मंत्रालय हैं. मनोहर पर्रिकर के गोवा का मुख्यमंत्री बनने के बाद अरुण जेटली के पास तो वित्त और रक्षा जैसे दो बड़े मंत्रालय का भार है. चीन के साथ सीमा विवाद को देखते हुए एक फुलटाइम डिफेंस मिनिस्टर की जरूरत साफ देखी जा सकती है. एम वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनाए जाने के बाद सूचना-प्रसारण मंत्रालय और शहरी विकास मंत्रालय खाली हुए.

सूचना प्रसारण का एडिशनल चार्ज कपड़ा मंत्री स्मृति इरानी को मिला, तो शहरी विकास मंत्रालय नरेंद्र सिंह तोमर को मिला है. ऐसे में यह जिम्मेदारी मिलने के बाद नरेंद्र सिंह तोमर के पास पांच मंत्रालय हैं. वहीं स्मृति इरानी के पास भी दो मंत्रालय का भार है. इसी तरह अनिल माधव दवे के मई में निधन के बाद से केंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन उनके पर्यावरण मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे हैं.

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इन मंत्रालय पर नजर

रेल हादसों के बाद अगर सुरेश प्रभु की रेल मंत्रालय से छुट्टी होती है, तो पीएम मोदी नितिन गडकरी को नया रेलमंत्री नियुक्त करेंगे. साथ ही रेल मंत्रालय के लिए सुपर परिवहन मंत्रालय की अवधारणा लाई जा सकती है. साल 2014 में बीजेपी के सत्ता में आने के बाद यह विचार आया था. हालांकि चीन विवाद की वजह से रक्षा मंत्रालय पर भी सबकी नजर होगी. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि मोदी अरुण जेटली से कौन सा मंत्रालय वापस लेते हैं.

वैसे एक से ज्यादा महत्वपूर्ण मंत्रालय पहले भी एक व्यक्ति के हाथों में रह चुके हैं. हालांकि वे मंत्रालय आमतौर पर एक दूसरे से जुड़े होते हैं. फाइनेंस और कॉर्पोरेट अफेयर या फिर शिपिंग और रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय का भार हो तो ज्यादा बड़ी बात नहीं होती, लेकिन वित्त, रक्षा जैसे महत्वपूर्ण और कपड़ा, सूचना-प्रसारण जैसे बेमेल विभाग एक ही मंत्री को दिया जाए तो जरूर सवाल उठाने का मौका मिलता है.

2019 चुनावों को देखते हुए फैसला

इस फेरबदल में रक्षा मंत्रालय समेत 4 बड़े मंत्रालयों पर फैसला हो सकता है. वहीं काम ना करने वाले मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है. इस फेरबदल में 2019 के लोकसभा चुनावों का भी ध्यान रखा जाएगा. वहीं कुछ नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है. इसके अलावा आने वाले विधानसभा चुनावों को भी ध्यान में रखा जाएगा. अगले दो साल के अंदर ओडिशा, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक जैसे राज्यों में चुनाव होने हैं.

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वहीं पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की नजर 2019 के लोकसभा चुनावों पर भी रहेगी. इसी के मद्देनजर दक्षिण के कुछ चेहरे पीएम मोदी के कैबिनेट में दिखाई दे सकते हैं. वेंकैया नायडू के उपराष्ट्रपति बनने के बाद से भी उनकी जगह के लिए एक नए चेहरे की तलाश हो रही है जो बीजेपी के तार दक्षिण भारत से जोड़ सके. वहीं यह बदलाव 2019 चुनावों से पहले अंतिम बदलाव भी साबित हो सकता है.

JDU की हो सकती है एंट्री

मोदी मंत्रिपरिषद में जेडीयू नेताओं को भी शामिल किया जा सकता है. हाल ही में बिहार में जेडीयू और बीजेपी ने मुलाकर सरकार बनाई है. इस बार जेडीयू के नेताओं को भी मंत्रिपरिषद में जगह मिल सकती है. इस बाबत चर्चा करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 24 अगस्त को दिल्ली आ रहे हैं.

नए राज्यपालों के नामों की घोषणा संभव

कैबिनेट में फेरबदल के अलावा सरकार विभिन्न राज्यों के राज्यपाल के नामों की घोषणा कर सकती है, जिसमें तमिलनाडु और बिहार के राज्यपाल भी शामिल हैं. इसके अलावा कुछ मंत्रियों को साल 2019 के चुनाव के मद्देनजर पार्टी में भेजा जा सकता है. ये मंत्री उत्तर प्रदेश राज्य यूनिट पर विशेष ध्यान देंगे.

 

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