यूपीए सरकार ने शुक्रवार को जस्टिस वर्मा की सिफारिशों पर अमल करते हुए बलात्कार के मामलों से जुड़े कानून में बड़ा फेरदबदल किया. महिला सुरक्षा पर कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें महिला सुरक्षा पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई.
इस अध्यादेश में गैंगरेप के दोषियों को कठोर सजा देने की बात कही गई है. गैंगरेप के बाद मौत पर जहां फांसी की सजा का जिक्र है, वहीं गैंगरेप में उम्र कैद की सजा को मंजूरी दे दी गई है. अध्यादेश में जघन्य अपराध में मौत की सजा का भी जिक्र है.
इस अध्यादेश पर शनिवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी दस्तखत करेंगे. इस अध्यादेश को सरकार इसी बजट सत्र में सदन में पेश करेगी.
अब गैंगरेप केस में 20 साल की सजा का प्रावधान किया गया है जो कि पहले सिर्फ 7 साल ही थी.
अगर गैंगरेप के बाद पीड़ित की हत्या भी कर दी जाती है तो फिर दोषी को फांसी की सजा भी हो सकती है. किसी महिला को लूटा जाता है तो उसमे मिलने वाली सजा में भी इजाफा हो सकता है.
इसके अलावा पीड़ित महिला को मुआवजे में भी बढ़ोतरी हो सकती है. आपसी सहमति से संबंध बनाने की उम्र 18 से घटाकर 16 करने की भी सिफारिश को भी नकार दिया गया है. बलात्कार मामले की जांच में अगर सरकारी कर्मचारी सहयोग नहीं करता है तो उसकी सजा भी 1 साल से बढ़ाकर 5 साल तक हो सकती है.