जिस कैग की रिपोर्ट को लेकर बीजेपी केंद्र की सरकार पर कई घोटाले का आरोप लगा चुकी है उसी संस्था ने अब नरेंद्र मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. कॉम्पट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (कैग) ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए सरकार का बेड़ा गर्क कर दिया.
कैग ने कहा है गुजरात सरकार ने बड़े कॉरपोरेट घरानों को नाजायज़ फायदे पहुंचाए, जिनसे सरकारी खज़ाने को 17 हजार करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
राज्य विधानसभा में मंगलवार को पेश की गई कैग की रिपोर्ट के अनुसार लार्सन एंड टूब्रो, फोर्ड इंडिया तथा एस्सार स्टील जैसी कंपनियों को फैक्टरियां स्थापित करने के लिए सस्ती कीमतों पर ज़मीनें आवंटित की गईं, जिससे सरकार को नुकसान हुआ.
कैग का यह भी कहना है कि अदानी पावर को सरकार द्वारा संचालित एक कंपनी से ऊर्जा खरीदने के लिए पहले से हो चुके एक समझौते की शर्तों से मुकरने दिया गया, जिससे कंपनी को फायदा हुआ, जबकि सरकार को भारी नुकसान झेलना पड़ा.
गुजरात को इंडस्ट्री के लिए अनुकूल राज्य बनाकर उसका आर्थिक विकास करने का दावा मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी इमेज सुधारने के लिए जनता की गाढ़ी कमाई को कंपनियों के हवाले कर दिया. इससे राज्य सरकार की भू-संपदा के साथ आर्थिक नुकसान भी हुआ है.
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को गुजरात विधानसभा में पास लोकायुक्त बिल पर विवाद हो गया है. इस बिल के अनुसार राज्य लोकायुक्त की नियुक्ति मुख्यमंत्री करेगा जबकि सभी राज्यों में यह राज्यपाल के द्वारा होता है.