नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने सार्वजनिक क्षेत्र की उर्वरक कंपनियों में व्हिसलब्लोवर व्यवस्था का अभाव और निदेशकों की नियुक्ति में प्रमुख दिशा निर्देशों के उल्लंघन समेत कई खामियां पाई हैं.
लोक उपक्रम विभाग (डीपीई) के दिशानिर्देश के अनुसार केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम के निदेशक मंडल में कम-से-कम एक तिहाई सदस्य स्वतंत्र निदेशक होने चाहिए.
केंद्रीय लोक उपक्रमों (सीपीएसई) के वित्तीय रिपोर्टिंग पर अपनी रिपोर्ट में कैग ने कहा कि निदेशक मंडल के सदस्यों को देखने के बाद यह पाया गया कि मद्रास फर्टिलाइजर्स लि. नेशनल फर्टिलाइजर्स लि. और ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन के निदेशक मंडल में स्वतंत्र निदेशकों की संख्या दिशानिर्देश के अनुरूप नहीं थी.
रिपोर्ट के अनुसार फर्टिलाइलजर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया, हिंदुस्तान फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन, राष्ट्रीय केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स, फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर एंड प्रोजेक्टस एंड डेवलपमेंट इंडिया के निदेशक मंडल में कोई भी स्वतंत्र निदेशक नहीं था.
कैग के अनुसार, 'कंपनी संचालन के लिये निदेशक मंडल जरूरी है. स्वतंत्र निदेशक प्रबंधन के फैसले को चुनौती देने में सक्षम होते हैं. इन्हें शेयरधारकों के हितों की रक्षा करने वाला माना जाता है.' इसके अलावा कैग ने सार्वजनिक क्षेत्र की उर्वरक कंपनियों में व्हिसलब्लोवर व्यवस्था का अभाव भी पाया.