केंद्रीय एजेंसी खुफिया ब्यूरो अपने लिए जमीन खरीदने के मामले में भी सतर्कता नहीं दिखा सकी. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार वाराणसी में अपने कार्यालय के लिए एक भूखंड का भुगतान समय से न करने पर इस एजेंसी को 60 लाख रुपए ज्यादा देने पड़े.
रिपोर्ट में ब्यूरो की खिंचाई करते हुए कहा है, ‘आईबी (खुफिया ब्यूरो) के मुख्यालय ने भुगतान की तिथि तक इसका प्रस्ताव तक नहीं बनाया था. इसके कारण उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद ने भूखंड के आवंटन का प्रस्ताव रद्द कर दिया.’
संसद में प्रस्तुत कैग की रपट के अनुसार खुफिया ब्यूरो ने वाराणसी में आवास विकास परिषद से सितंबर 2006 में कार्यालय भवन के लिए 1,600 वर्गमीटर का एक प्लाट खरीदा था. इसकी कुल लागत 1.95 करोड़ रुपए थी. आडिट से पता लगा कि इसमें 59.61 लाख रुपए का अतिरिक्त भुगतान शामिल था.
रिपोर्ट के अनुसार आवास विकास परिषद ने समय से पैसा न चुकाए जाने पर आवंटन का प्रस्ताव पहले रद्द कर दिया था. परिषद ने फरवरी 2006 में उस भूखंड का एजेंसी को फिर आवंटन कर दिया पर उसने इसकी संशोधित लागत बढा कर 1.79 करोड़ रुपए कर दी थी. इसमें 19 प्रतिशत की दर से 30.64 लाख रुपए का दंड ब्याज भी शामिल था. एजेंसी को समय से भुगतान पर मिलने वाला 10 प्रतिशत का डिस्काउंट भी गंवाना पड़ा.