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ममता बनर्जी को झटका, इमामों-मुअज्जिनों को भत्ता देने का उनका फैसला असंवैधानिक करार

कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले से ममता बनर्जी सरकार को जोरदार झटका लगा है. दरअसल कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता के उस फैसले को असंवैधानिक करार दिया है, जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार ने इमामों को 2000 रुपये भत्ता और मुअज्जिनों (अजान देने वालों) के लिए 1000 रुपये भत्ता देने का फैसला किया था.

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ममता बनर्जी
ममता बनर्जी

कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले से ममता बनर्जी सरकार को जोरदार झटका लगा है. दरअसल कलकत्ता हाई कोर्ट ने ममता के उस फैसले को असंवैधानिक करार दिया है, जिसमें पश्चिम बंगाल सरकार ने इमामों को 2000 रुपये भत्ता और मुअज्जिनों (अजान देने वालों) के लिए 1000 रुपये भत्ता देने का फैसला किया था.

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जज प्रणव कुमार चट्टोपाध्याय और जज एम.पी. श्रीवास्तव की खंडपीठ ने इस घोषणा को चुनौती देने वाली एक याचिका पर आदेश जारी किया. अदालत ने कहा कि यह भत्ता संविधान के अनुच्छेद 14 और 15.1 के खिलाफ है, जो कहता है कि राज्य धर्म, नस्ल, जाति, लिंग, जन्म स्थान आदि के आधार पर किसी भी नागरिक के साथ भेदभाव नहीं करेगा.

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अप्रैल, 2012 में हर इमाम को 2000 रुपये देने की घोषणा की थी. बाद में उन्होंने यह भी कहा था कि मुअज्जिनों को भी 1000 रुपये मिलेंगे. प्रदेश बीजेपी महासचिव असीम सरकार ने सरकार के इस फैसले को चुनौती दी थी. उन्होंने कहा था कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और यह भत्ता धार्मिक आधार पर समानता सुनिश्चित करने के प्रावधानों के खिलाफ है.

असीम सरकार के वकील कौशिक चंद्र ने कहा कि यह जनहित में भी नहीं है क्योंकि इससे हर साल सरकारी खजाने पर 126 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा. राज्य सरकार के वकील ने दावा किया कि विधानसभा ने इस व्यय पर सहमति दे दी है और सरकार कानून के दायरे में रहते हुए ही ऐसा कर रही है. लेकिन अदालत राज्य सरकार की दलीलों से संतुष्ट नहीं थी.

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