वोडाफोन और भारती एयरटेल ने 10 दिन चली नीलामी के दौरान दिल्ली और मुंबई जैसे महानगरों और कई अन्य शहरों में महत्वपूर्ण स्पेक्ट्रम हासिल करने में सफलता पायी. इससे सरकार को 61,162 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई हुई है. मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो इंफोकाम ने दोनों बैंड (प्रमुख 900 मेगाहट्र्ज तथा कम दक्ष 1,800 मेगाहट्र्ज) की नीलामी में आक्रमक रूप से भाग लिया. हालांकि कंपनी ने 1,800 मेगाहर्टज में 22 सर्किलों में से 14 में स्पेक्ट्रम लिया. कंपनी के पास देश भर के लिये 4जी स्पेक्ट्रम होने के बावजूद कंपनी ने इस नीलामी में हिस्सा लिया.
वोडाफोन ने तीन महानगरों में 900 मेगाहर्टज बैंड तथा 11 सर्किलों में 2जी 1800 मेगाहर्टज में स्पेक्ट्रम के लिये 19,600 करोड़ रुपये की बोली लगायी. कंपनी का दिल्ली, मुंबई और कोलकाता का लाइसेंस इस साल नवंबर में समाप्त हो रहा है और उसे परिचालन जारी रखने के लिये स्पेक्ट्रम की जरूरत थी. एयरटेल ने 900 मेगाहर्टज में दिल्ली और कोलकाता के लिये 900 मेगाहर्टज में स्पेक्ट्रम फिर से हासिल किया और मुंबई के लिये इसी बैंड में स्पेक्ट्रम प्राप्त किया. इसके अलावा 15 सर्किलों में 1,800 मेगाहर्टज स्पेक्ट्रम हासिल किया. कंपनी ने 900 और 1800 मेगाहर्टज बैंड में कुल 115 मेगाहर्टज स्पेक्ट्रम के लिये 18,530 करोड़ रुपये की बोली लगायी. कंपनी को दिल्ली और कोलकाता में स्पेक्ट्रम की जरूरत थी क्योंकि उसका मौजूदा लाइसेंस नवंबर में समाप्त हो रहा है.
एयरटेल ने कहा कि वह 1800 मेगाहर्टज में देश भर में 4जी नेटवर्क चालू करेगी. आइडिया अन्य कंपनी है जिसे 900 मेगाहर्टज बैंड में स्पेक्ट्रम हासिल किया है. इसके जरिये 3जी सेवा चलायी जा सकती है. कुल मिलाकर 10 दिन चली नीलामी में सरकार को 61,162 करोड़ रुपये मिले जिसमें से 18,296.36 करोड़ रुपये चालू वित्त वर्ष में सरकारी खजाने में जाएंगे. सरकार शुरू में स्पेक्ट्रम नीलामी से चालू वित्त वर्ष में 11,300 करोड़ रुपये के राजस्व की उम्मीद कर रही थी.
यूनिनोर 1800 मेगाहर्टज बैंड में पांच सर्किलों के लिये जबकि आइडिया इसी बैंड में 11 सर्किलों के लिये स्पेक्ट्रम हासिल किये. अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशंस केवल एक सर्किल मुंबई में 1800 मेगाहर्टज में स्पेक्ट्रम हासिल किया. टाटा कम्यूनिकेशंस को कोई स्पेक्ट्रम नहीं मिला जबकि एयरसेल को पांच सर्किलों के लिये स्पेक्ट्रम मिले. दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा, ‘मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि नीलामी पूरी हो गई.
सरकार को कुल 61,162.22 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा.
इस लिहाज से यह नीलामी बेहद सफल रही.’ यह पूछे जाने पर कि क्या मजबूत बोली का मोबाइल दरों पर प्रभाव पड़ेगा, सिब्बल ने कहा, ‘यह सफल नीलामी है और सही मायने में तभी सफल होगी अगर हम ग्राहकों को बेहतर सेवा देने में सफल होंगे.’ सरकार ने 1800 मेगाहर्टज बैंड में 385 मेगाहर्टज स्पेक्ट्रम और 900 मेगाहर्टज बैंड में 46 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम को बिक्री के लिए रखा गया था. आधार मूल्य पर कुल मिलाकर इसकी कीमत करीब 47,933 करोड़ रुपये थी.
दूरंसचार सचिव एमएफ फारूकी ने कहा कि 900 मेगाहर्टज में 37,572.60 करोड़ रुपये और 1800 मेगाहर्टज बैंड में 23,589.62 करोड़ रुपये की बोली लगाई गई. कंपनियों को 1800 मेगाहर्टज में अग्रिम राशि के रूप में 33 फीसदी तथा 900 मेगाहर्टज बैंड में 25 फीसदी देने का विकल्प है. फारूकी ने कहा, ‘सरकार को चालू वित्त वर्ष अग्रिम राशि के रूप में कम-से-कम 18,296.36 करोड़ रुपये मिलेंगे.’