पाकिस्तान को ‘काफी स्पष्ट संदेश’ देते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने बुधवार को उसे आगाह किया कि वह भारत या किसी अन्य देश में आतंकवाद फैलाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा नहीं दे और कहा कि उसे दोहरा नजरिया नहीं रखना चाहिये.
कैमरन ने यह भी कहा कि पाकिस्तान के लिये यह सही नहीं है कि वह ऐसे किसी समूह के साथ रिश्ते रखे जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हों. उनकी इस टिप्पणी को भारत के रुख के प्रति ब्रिटेन के समर्थन के रूप में देखा जा रहा है.
उन्होंने कहा कि हम किसी भी मायने में इस विचार को बर्दाश्त नहीं कर सकते कि यह देश (पाकिस्तान) दोनों तरह का नजरिया रखे. हम यह भी बर्दाश्त नहीं कर सकते कि वह भारत या अफगानिस्तान अथवा विश्व में अन्य कहीं भी आतंकवाद फैलाने की प्रवृत्ति को किसी भी तरह से बढ़ावा दे.
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने के बाद अपनी पहली भारत यात्रा पर आये कैमरन ने ये टिप्पणियां संवाददाताओं से बातचीत के दौरान और सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी इंफोसिस में दिये संबोधन के दौरान कीं. वह गुरुवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से आधिकारिक वार्ता करेंगे. कैमरन ने कहा कि अगर पाकिस्तान में किसी अन्य देश में आतंकवाद फैलाने को समर्थन देने जैसा कुछ हो रहा है तो वह अस्वीकार्य है ..और दस्तावेजों में यह अच्छी तरह से दर्ज है कि अतीत में ऐसा हुआ है. {mospagebreak}
कैमरन की यह टिप्पणी वेबसाइट ‘विकीलीक्स’ में उन अमेरिकी दस्तावेजों के खुलासे के बाद आयी है, जिनमें यह आरोप लगाया गया है कि पाकिस्तान की शक्तिशाली खुफिया एजेंसी आईएसआई अफगान विद्रोह को चोरी छिपे शह दे रही है, जबकि दूसरी ओर देश आतंकवाद से लड़ने के लिये अरबों की सहायता ले रहा है. उन्होंने कहा कि आतंकवादी समूहों से निपटने के मामले में पाकिस्तान ने ‘बड़ी प्रगति’ हासिल की है, ‘लेकिन हमें यह देखने की जरूरत है कि यह प्रगति जारी रहे.’
कैमरन ने कहा कि वह अमेरिका और ब्रिटेन की ओर से पाकिस्तान को दी जा रही आर्थिक मदद के मूल उद्देश्यों के लिये इस्तेमाल नहीं होने के मुद्दे पर सिंह से चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत की ही तरह ब्रिटेन भी चाहता है कि पाकिस्तान एक स्थिर, लोकतांत्रिक और आतंकवाद मुक्त राष्ट्र बने. उन्होंने कहा कि हमें पाकिस्तान के बारे में काफी स्पष्ट होना चाहिये कि हम उसे एक मजबूत, स्थिर और लोकतांत्रिक देश के रूप में देखना चाहते हैं. {mospagebreak}
कैमरन ने ‘विकीलीक्स’ के जरिये हुए खुलासे के मद्देनजर ब्रिटेन-पाकिस्तान संबंधों के भविष्य के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा, ‘रिश्ते ऐसे होने चाहियें जो इस काफी स्पष्ट संदेश पर आधारित हों कि उन समूहों के साथ कोई संबंध रखना सही नहीं है जो आतंकवाद को बढ़ावा देते हों.’ कैमरन ने कहा कि विकसित विश्व का हिस्सा बनने की इच्छा रखने वाला लोकतांत्रिक राष्ट्र ऐसा नहीं कर सकता. इस बिंदु पर अमेरिका और ब्रिटेन की ओर से पाकिस्तान को यह संदेश बेहद स्पष्ट है.
कैमरन ने भारत और पाकिस्तान के बीच करीबी सुरक्षा संबंधों का भी पक्ष लिया और कहा कि दोनों देशों को वैश्विक सुरक्षा की चुनौतियों से निपटना चाहिये. उन्होंने कहा कि भारत की तरह ही ब्रिटेन का भी मानना है कि तालिबान, हक्कानी नेटवर्क या लश्कर ए तैयबा जैसे संगठनों को भारत या ब्रिटेन में भारतीयों और ब्रिटिश नागरिकों पर हमले नहीं करने देना चाहिए.
उन्होंने लंदन में सात जुलाई 2005 को तथा मुंबई में 26/11 के आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए कहा, ‘हमारे हित ही आपके हित हैं. इसलिए आईये हम मिलकर काम करें.’ हमलों की जांच में भारत सरकार के साथ ब्रिटिश अधिकारियों के सहयोग देने की बात करते हुए कैमरन ने कहा, ‘हमारा यही मानना है कि जो भी दोषी हैं उन्हें न्याय के घेरे में लाया जाना चाहिए और मैं यहां भारत और ब्रिटेन के बीच करीबी सुरक्षा रिश्तों की पेशकश करने आया हूं.’