नई दिल्ली स्थित कनाडा उच्चायोग ने गुप्तचर ब्यूरो (आईबी) के एक वरिष्ठ अधिकारी को वीजा देने से इनकार कर दिया लेकिन भारत सरकार के कड़े रुख के बाद अधिकारी को वीजा दे दिया गया.
कनाडा उच्चायोग को सरकार ने चेतावनी दी कि यदि यह सब बंद नहीं हुआ तो भारत से अफगानिस्तान जाने की इच्छा रखने वाले कनाडाई नागरिकों को भी इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ सकता है.
यह घटना ऐसे समय हुई है जब इससे पहले कनाडाई मिशन ने सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के एक सेवानिवृत्त कर्मी को भी वीजा देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि उसका संबंध ‘कुख्यात रूप से हिंसक’ बल के साथ है जो ‘सुनियोजित हमले’ और संदिग्ध अपराधियों की ‘प्रताड़ना’ में शामिल है.
सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार हालिया घटना गुप्तचर ब्यूरो के एक उपनिदेशक से संबंधित है जिन्हें जून के आखिर में जी-20 सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की यात्रा से पहले कनाडा जाना था. सूत्रों ने बताया कि ऐसी खबर है कि अधिकारी को इस आधार पर वीजा देने से इनकार कर दिया गया कि वह एक खुफिया एजेंसी से जुड़े हैं और इसकी जगह एक आपातकालीन प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया. इससे खफा गृह मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा और मुद्दे पर चिंता जताई.