केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पहली बार स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री पद के बीजेपी के दावेदार नरेंद्र मोदी कांग्रेस पार्टी के लिए चुनौती हैं.
चिदंबरम ने गोवा में आयोजित ‘थिंकफेस्ट’ समारोह में एक परिचर्चा के दौरान कहा, 'राजनीतिक दल के तौर पर हम मानते हैं कि वह (मोदी) चुनौती पैदा करने वाले हैं. हम उनकी अनदेखी नहीं कर सकते. वह मुख्य विपक्षी दल के उम्मीदवार हैं. हमें उन्हें ध्यान में रखना होगा.'
हालांकि केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि एक व्यक्ति के तौर पर वह मोदी की विचारधारा, सोच और जनसभाओं में उनके द्वारा इस्तेमाल में लाई जाने वाली भाषा को लेकर चिंतित हैं.
उन्होंने कहा, 'अभी तक वह (मोदी) बहुत ही अस्पष्ट हैं. अभी तक उन्होंने किसी बड़े मुद्दे पर बात नहीं रखी है. उन्होंने केवल चुनावी वायदे किये हैं.' चिदंबरम के मुताबिक कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं को लगता है कि यदि आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस सत्ता में आती है तो राहुल गांधी को पार्टी और सरकार का नेतृत्व मिलना चाहिए.
उन्होंने कहा, 'कार्यकर्ता ऐसा सोचते हुए लग रहे हैं कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो राहुल गांधी को पार्टी और सरकार का नेता बनना चाहिए.' उन्होंने कहा, 'जहां तक मेरी निजी राय है तो मुझे लगता है कि अब कमान युवा पीढ़ी के हाथ में सौंपने का वक्त आ गया है.'
चिदंबरम ने कहा, 'देश में अनेक युवक और युवतियां हैं जो सरकार में भूमिका निभा सकते हैं और सुशासन प्रदान कर सकते हैं.' उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अनेक जनसभाओं को संबोधित कर रहे हैं, लेकिन 'यदि मैं उन्हें सलाह देता तो उन्हें रैलियों में अनेक बड़े मुद्दों पर अपनी राय रखने का सुझाव देता.'
जब चिदंबरम से पूछा गया कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत कांग्रेस के नेता बड़े मुद्दों पर विचार क्यों नहीं रख रहे तो उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री श्रोताओं को संबोधित करते हैं और संवाददाता सम्मेलनों में बोलते हैं. हालांकि जितनी मैं उनसे अपेक्षा रखता हूं, उतना नहीं.' चिदंबरम ने कहा, 'वह क्या बोलते हैं, आप उससे सहमत या असहमत हो सकते हैं, लेकिन वह बोलते जरूर हैं.'