सरकार ने लोकसभा में कहा कि मैरिटल रेप का कानून भारत में लागू नहीं किया जा सकता है.
संसद में मैरिटल रेप को आपराधिक श्रेणी में लाने को लेकर सरकार की योजनाएं पूछी गई थी. इस पर केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने लिखित जवाब दिया कि 'जिस तरह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैरिटल रेप का कानून समझा जा रहा है, उसे भारत में वैसे ही लागू करना संभव नहीं है.'
सरकार ने कहा कि भारत में शिक्षा/ निरक्षरता, गरीबी, हजारों समाजिक नियम और मान्यताएं, धार्मिक मान्यताएं, समाज की सोच जैसी कई वजहें हैं जो मैरिटल रेप को आपराधिक श्रेणी में शामिल नहीं होने देना चाहती है.
बीते साल केंद्रीय गृहराज्यमंत्री हरीभाई चौधरी ने भी मैरिटल रेप पर यही जवाब दाखिल किया था और भारत की पुरानी परंपराओं का हवाला देते हुए कहा था कि मैरिटल रेप को आपराधिक श्रेणी में शामिल करना भारत जैसे देशों के लिए संभव नहीं है.