योग दिवस के आयोजन में उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को न्योता नहीं भेजने को लेकर सवालों का सामना कर रही नरेंद्र मोदी सरकार ने मामले में सफाई दी है. राजपथ पर कीर्तिमान स्थापित करने वाले योगाभ्यास का आयोजन करने वाले आयुष मंत्रालय ने इस बाबत नियमों का हवाला दिया है.
आयुष के केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाईक ने सोमवार को कहा है कि जिस समारोह में प्रधानमंत्री मुख्य अतिथि हों, नियमों के मुताबिक उस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति को निमंत्रण भेजने की मनाही है.
मंत्री ने कहा, 'हम वैसे किसी समारोह के लिए उपराष्ट्रपति को न्योता नहीं भेज सकते, जिसमें प्रधानमंत्री मुख्य अतिथि हैं.'
उपराष्ट्रपति के कार्यालय ने क्या कहा
इससे पहले इस बाबत उठे सवाल और विवाद पर उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के ऑफिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि उन्हें राजधानी में योग दिवस कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था. उपराष्ट्रपति के कार्यालय की ओर से बयान आने के पहले बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम माधव ने भी उनकी गैरमौजूदगी को लेकर सवाल उठाए थे. हालांकि बाद में उन्होंने माफी मांगते हुए कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि उपराष्ट्रपति बीमार हैं और इसी वजह से योग दिवस के कार्यक्रम में नहीं पहुंचे.
दूसरी ओर, उपराष्ट्रपति के ऑफिस ने जारी बयान में कहा है कि उपराष्ट्रपति के बीमार होने की बात सही नहीं है. ऑफिस ने कहा कि उपराष्ट्रपति उन कार्यक्रमों में शरीक होते हैं, जिनमें शामिल मंत्री प्रोटोकाल के तहत उन्हें आमंत्रित करते हैं.
राज्यसभा चैनल पर भी लगा आरोप
राम माधव ने राज्यसभा टीवी पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि जनता के पैसों से चलने के बावजूद चैनल ने योग दिवस कार्यक्रम को पूरी तरह से 'ब्लैक आउट' किया. हालांकि, इन आरोपों को राज्यसभा टीवी के सीईओ गुरदीप सिंह सप्पल ने खारिज कर दिया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'आधारहीन अफवाहें. राज्यसभा टीवी ने न केवल राजपथ पर आयोजित कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया बल्कि आज योग पर तीन वृत्तचित्र और एक विशेष रिपोर्ट भी दिखाई.'