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शहादत को सलाम, कैप्टन कुंडू की मां बोलीं-एक और बेटा होता तो उसे भी फौज में भेजती

आजतक से बात करते हुए शहीद कैप्टन कुंडू की मां सुनीता कुंडू ने बताया कि हम उसे IIT में भेजना चाहते थे, लेकिन उसने NDA की तैयारी की. वो सेलेक्ट भी हो गया, इसलिए हमने उसे कभी नहीं रोका.

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अपनी मां और बहन के साथ कैप्टन कपिल कुंडू(फाइल फोटो)
अपनी मां और बहन के साथ कैप्टन कपिल कुंडू(फाइल फोटो)

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पाकिस्तान की ओर से एलओसी पर हुई गोलीबारी में शहीद हुए 23 वर्षीय कैप्टन कपिल कुंडू की शहादत को पूरा देश सलाम कर रहा है. पाकिस्तान की नापाक हरकत में कपिल कुंडू के अलावा तीन अन्य जवान भी शहीद हुए. पूरा देश सरकार से पाकिस्तान को कड़ा जवाब देने की बात कर रहा है. दूसरी तरफ शहीद कैप्टन कपिल की मां ने कहा है कि उन्हें अपने बेटे पर पूरी तरह गर्व है, अगर उनका एक और बेटा होता तो वो उसे भी सेना में ही भेजतीं.

आजतक से बात करते हुए शहीद कैप्टन कुंडू की मां सुनीता कुंडू ने बताया कि हम उसे IIT में भेजना चाहते थे, लेकिन उसने NDA की तैयारी की. वो सेलेक्ट भी हो गया, इसलिए हमने उसे कभी नहीं रोका. उन्होंने बताया कि गांव का हर बच्चा आज कपिल बनना चाहता है, वह यहां के नौजवानों के लिए एक मिसाल बना है.

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उन्होंने बताया कि वह हमेशा परिवार का ख्याल रखता था, मुझे कभी दुख ना पहुंचे इसलिए सेना से जुड़ी बातें मुझे नहीं बताता था. मां ने कहा कि अपने काम से जुड़ी बातों को सिर्फ बहनों को ही बताता था. उन्होंने कहा कि हमें अपने बेटे पर गर्व है, बस भगवान उसे और भी उम्र दे देता तो अच्छा होता.

आजतक से बात करते हुए कपिल कुंडू के दोस्तों ने बताया कि उन्हें कविताएं लिखने का काफी शोक था. वह कई कविताएं लिख चुके थे. 6 दिन बाद ही 10 फरवरी को उनका जन्मदिन था और 11 फरवरी को वह अपने घरवालों से मिलने आने वाले थे.

'ज़िंदगी बड़ी होनी चाहिए, लंबी नहीं'

23 साल से भी कम उम्र में देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले कैप्टन कपिल कुंडू का मानना था कि जिंदगी लंबी नहीं बड़ी होनी चाहिए. उन्होंने अपने फेसबुक के स्टेटस में आनंद फिल्म का ये मशहूर डॉयलॉग लिखा था. उनका फेसबुक स्टेटस था, ‘जिंदगी लंबी नहीं, बड़ी होनी चाहिए.’ 23 साल में ही कैप्टन वाकई बड़ी जिंदगी जी गए.रविवार को राजौरी में सीमा पार से फायरिंग में कैप्टन कुंडू और तीन जवान शहीद हो गए.

रविवार को पाकिस्तान की नापाक फायरिंग का मुंहतोड़ जवाब देते हुए कैप्टन कुंडू ने अपने प्राण न्योछावर कर दिए. उनके साथ देश के तीन और सपूत सरहद पर शहीद हो गए. शहीद हुए जवानों में राइफलमैन शुभम कुमार, राइफलमैन रामअवतार और हवलदार रोशन लाल हैं.

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