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ये है उधमपुर हमले में पकड़े गए आतंकी का कबूलनामा...

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में हुए हमले में पकड़े गए आतंकी कासिम उर्फ नावेद के कबूलनामे से पाकिस्तान पूरी तरह बेनकाब हो चुका है. उसने सुरक्षा एजेंसियों के सामने जो बयान दिए हैं, वे पाकिस्तान के नापाक मंसूबों की पोल खोल रहे हैं.

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सुरक्षा बलों के शिकंजे में आतंकी कासिम उर्फ नावेद
सुरक्षा बलों के शिकंजे में आतंकी कासिम उर्फ नावेद

जम्मू-कश्मीर के उधमपुर में हुए हमले में पकड़े गए आतंकी कासिम उर्फ नावेद के कबूलनामे से पाकिस्तान पूरी तरह बेनकाब हो चुका है. उसने सुरक्षा एजेंसियों के सामने जो बयान दिए हैं, वे पाकिस्तान के नापाक मंसूबों की पोल खोल रहे हैं.

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आतंकी कासिम ने पूछताछ के दौरान कबूल किया कि आतंकियों के निशाने पर अमरनाथ यात्रा थी. बार-बार नाम बदल रहे आतंकी ने खुलासा किया है कि वह पाकिस्तान के फैसलाबाद का रहने वाला है और अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने के मकसद से आया था. मतलब साफ है कि सुरक्षाबलों की चौकसी की वजह से वह अपने बुरे मकसद में नाकाम रहा.  

'सीमा पर लगे तार काटकर आया क्या?'
आतंकी कासिम उर्फ नावेद से जब यह पूछा गया कि क्या वह सरहद पर लगे तार को काटकर भारत की सीमा में दाखिल हुआ, तो उसने जवाब दिया, 'तार काटने के लिए हमारे पास कुछ है क्या.'

'अब तो पकड़ा जा चुका हूं'
आतंकी से जब यह पूछा गया कि उसके आगे का प्लान क्या था, तो उसने जवाब दिया, 'अब आगे का प्लान क्या, आपने तो पकड़ रखा है...' पूछताछ के दौरान वह विचलित नजर नहीं आ रहा था.

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बार-बार बदल रहा है नाम
उधमपुर में पकड़ा गया पाकिस्तान का आतंकवादी बार-बार अपना नाम बदल रहा है. उसने पहले अपना नाम कासिम बताया था, फिर उस्मान. इसके बाद उसका नाम नावेद के रूप में सामने आया. अब वह अपना नाम कुरैशी बता रहा है.

एक भाई लेक्चरर, दूसरा बिजनेसमैन
पाकिस्तान के फैसलाबाद में गुलाम मुस्तफाबाद क्षेत्र के निवासी कासिम उर्फ नावेद की उम्र 20 साल के आसपास बताई जा रही है. उसने बताया कि उसके दो भाई व एक बहन है. आतंकी ने कहा कि उसका एक भाई लेक्चरर है, जबकि दूसरा भाई होजरी की दुकान चलाता है.

एक महीने पहले आया, फिर लौटा
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि सवाल-जवाब के दौरान आतंकी ने बताया कि शुरुआत में उसने एक महीने पहले कश्मीर घाटी में घुसने का प्रयास किया था, लेकिन गाइड उसे लेने नहीं आया और उसे लौटना पड़ा.

मारे गए आतंकी की पहचान की
कासिम उर्फ नावेद ने बीएसएफ की जवाबी कार्रवाई में मारे गए साथी आतंकी की पहचान पाकिस्तान के भवालपुर निवासी नोमान उर्फ मोमिन के रूप में की है.

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