देश के एक बड़े समाजशास्त्री और बौद्धिक आशीष नंदी ने अजीबोगरीब बयान देकर बवाल खड़ा कर दिया है. जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में उन्होंने कहा कि देश के भ्रष्टाचार में सबसे बड़ा हाथ दलितों, पिछड़ों और अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों का है. इस बीच आशीष नंदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया है और उन पर गैर जमानती धाराएं लगाई गई हैं.
इससे पहले चौतरफा विरोध को देखते हुए आशीष नंदी ने न केवल अपने बयान पर सफाई दी बल्कि उसके लिए माफी भी मांगी, मगर उससे विवाद खत्म नहीं हुआ.
आशीष नंदी ने शनिवार सुबह फेस्टिवल के दौरान दलितों और पिछड़ों के बारे में विवादित बयान दिया. नंदी ने मौजूदा दशक में भ्रष्टाचार के लिए सीधे-सीधे पिछड़े वर्ग को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग के साथ-साथ, अनुसूचित जाति और जनजाति के लोग जिम्मेदार हैं. अपने बयान के समर्थन में नंदी ने पश्चिम बंगाल का उदाहरण दिया.
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा है कि गणतंत्र दिवस के मौके पर ऐसी बात किसी के मुंह से शोभा नहीं देती. बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि उनके पास ऐसी कई मिसालें हैं जहां अगड़ी जाति के नामी लोगों के भ्रष्ट होने का प्रमाण मिलता है.
यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आशीष नंदी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि सरकार को आशीष नंदी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.