खड़गपुर पुलिस ने पश्चिम बंगाल राज्य बीजेपी अध्यक्ष दिलीप घोष के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. घोष पर बुधवार को रामनवमी पर हथियारों के साथ रैली निकालने का आरोप है. इस घटना का स्वत: संज्ञान लेते हुए पश्चिम मिदनापुर जिला पुलिस ने कार्रवाई की. खड़गपुर थाना पुलिस स्टेशन में घोष और उनके समर्थकों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया.
वरिष्ठ जिला पुलिस अधिकारी ने बताया कि जिन्होंने भी रैली में तलवार हाथ पकड़ रखी थी उन सभी के खिलाफ केस शुरू किया गया है. पुलिस ने ये कार्रवाई मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस बयान के कुछ ही देर बाद शुरू की जिसमें उन्होंने बीजेपी को चेतावनी दी थी. इस चेतावनी में ममता ने कहा था कि राज्य में राम नवमी के दिन जिन्होंने भी हथियार लेकर रैलियां निकाली थीं, उन सभी के खिलाफ सरकार कार्रवाई करेगी.
पुरुलिया में एक प्रशासनिक बैठक में बोलते हुए गुरुवार को ममता ने कहा, 'कुछ बीजेपी नेता, जो बंगाली संस्कृति को नहीं जानते, उन्होंने भय का वातावरण बनाने के लिए तलवारों के साथ रैली निकाली.'
बंगाल में कई जगह रामनवमी पर कार्यक्रम आयोजित करने वाली बीजेपी पर ममता ने तीखा हमला करते हुए कहा, 'भगवान राम मां दुर्गा की आराधना पुष्पों से करते थे ना कि तलवारों से, राम ने रावण को मारने के लिए दंगों का सहारा नहीं लिया था.' ममता ने कहा कि कानून ऐसे राजनेताओं के खिलाफ अपना काम करेगा जिन्होंने हथियारों के साथ रैलियों का आयोजन किया.
श्री रामकृष्ण परमहंस के संदेशों का हवाला देते हुए ममता ने कहा कि धर्म कोई भी हो सर्वशक्तिमान तक पहुंचने का रास्ता है. ममता ने कहा, हम लोगों में भेदभाव नहीं करते, 'हम सभी उत्सवों में हिस्सा लेते हैं. ये बंगाली संस्कृति है वो नहीं जो बीजेपी कर रही है. वो राजनीति के लिए धर्म का इस्तेमाल कर रहे हैं.'
हालांकि बीजेपी ने तृणमूल सुप्रीमो के दावों को बेतुका बताया. बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव राहुल सिन्हा ने कहा कि त्रिशूल को हथियार बताना गलत है. क्या रैली में किसी तरह के आग्नेयास्त्र का इस्तेमाल किया गया? आज के युग में बम, पिस्तौल और बंदूकों को हथियार माना जाता है. ये तृणमूल है जो इनका इस्तेमाल करती है.