एक लंबे इंतजार के बाद केंद्र सरकार ने कावेरी जल बंटवारे के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में अपना मसौदा पेश कर दिया है. इस दौरान कोर्ट में जल संसाधन सचिव यूपी सिंह भी हाज़िर हुए. मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस मसौदे को ठीक करने में नहीं जा सकते हैं, लेकिन कोर्ट के आदेशानुसार राज्य और केंद्र में तालमेल ठीक करवा सकते हैं.
इस मामले की अगली सुनवाई अब बुधवार को होगी. केंद्र की ओर से जो ड्राफ्ट पेश किया गया है, उसे संबंधित राज्यों को दिया जाएगा. जिसके बाद उनके सुझाव मांगे जाएंगे. बुधवार को ही तीनों राज्य अपनी राय और अपना रुख सुप्रीम कोर्ट में पेश करेंगे. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सिंह को हाजिर होने को कहा था, यही कारण रहा कि वह सोमवार को सुनवाई के दौरान मौजूद रहे.
कोर्ट ने सुनवाई में केंद्र से कहा है कि वह तीनों राज्यों से बातचीत कर स्कीम को तैयार करे. अब वह दोबारा सुनवाई नहीं करेंगे. इस पर केंद्र ने कहा है कि राज्यों की राय के मुताबिक हम बोर्ड, ऑथिरिटी या कमेटी बनाने को तैयार है.
कर्नाटक चुनाव के कारण हुई थी देरी
केंद्र सरकार ने कावेरी जल बंटवारे के फैसले को लागू करने को लेकर योजना तैयार करने के सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट से और समय मांगा था. सरकार ने पिछली सुनवाई में कहा था कि योजना का मसौदा तैयार करने के लिए उसे और वक्त चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री सहित कैबिनेट मंत्री सभी कर्नाटक चुनाव में व्यस्त हैं.
कोर्ट ने लगाई थी फटकार
सुप्रीम कोर्ट कावेरी जल बंटवारे के फैसले को लागू करने के लिए योजना तैयार न करने पर केंद्र सरकार को पहले ही फटकार लगा चुका है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से 3 मई तक कावेरी जल बंटवारे की योजना तैयार करके देने का निर्देश दिया था. मगर सरकार आज भी शीर्ष अदालत के समक्ष कोई मसौदा पेश नहीं कर पाई. कावेरी जल विवाद न्यायाधिकरण के फैसले के अनुसार मसौदा तैयार किया जाना है.