तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता ने केंद्र पर दबाव बढ़ाते हुए कहा है कि फसलों के सूखने के मद्देनजर कावेरी न्यायाधीकरण के अंतिम आदेश को अधिसूचित किया जाए.
द्रमुक सांसदों की प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ मुलाकात का उल्लेख करते हुए जयललिता ने संदेह जताया कि द्रमुक के लोगों ने अंतिम आदेश को अधिसूचित करने के इस मुद्दे को उठाया होगा. उन्होंने एक बयान में इस ओर इशारा किया कि साल 2007 में द्रमुक सरकार ने न्यायाधीकरण के फैसले को अधिसूचित कराने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जबकि उनकी पार्टी अन्नाद्रमुक ने इसकी जोरदार पैरवी की थी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सत्ता में आने के बाद उन्होंने इस मुद्दे न पर सिर्फ प्रधानमंत्री को लिखा, बल्कि निजी तौर पर भी इस मुद्दे को उनके समक्ष उठाया. उन्होंने याद दिलाया कि उनकी सरकार साल की शुरुआत में ही उस मुद्दे को लेकर उच्चतम न्यायालय पहुंची और इसी क्रम में केंद्र को हलफनामा देना पड़ा कि फैसले को दिसंबर के आखिर तक अधिसूचित किया जाएगा.