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कावेरी विवाद: जयललिता, शेट्टार में बातचीत फेल

कर्नाटक और तमिलनाडु के मुख्यमंत्रियों के बीच हुई बैठक में कावेरी नदी जल विवाद का कोई समाधान नहीं निकल सका.

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जयललिता
जयललिता

तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच कावेरी जल विवाद के मुद्दे के मैत्रीपूर्ण समाधान के लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के बीच गुरुवार को हुई बैठक बेनतीजा समाप्त हो गई. कर्नाटक ने इस मामले में तमिलनाडु के लिए और अधिक पानी छोड़ने से इंकार कर दिया. कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे. जयललिता बीच गुरुवार को इस मसले पर करीब एक घंटे बैठक हुई लेकिन नतीजा नहीं निकल सका.

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जयललिता ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि कर्नाटक सरकार ने कावेरी नदी से और अधिक जल देने से इंकार कर दिया. मैंने मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार से 15 दिन तक 32टीएमसी एफटी (थाउजंड मीलियन क्यूबिक फीट) जल देने का आग्रह किया था जिससे किसानों को मदद मिल सके लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया.

वार्ता विफल होने से निराश जयललिता ने कहा कि उनके सरकारी अधिवक्ता वार्ता के नतीजे के बारे में सर्वोच्च न्यायालय को शुक्रवार को अवगत कराएंगे. जयललिता ने कहा कि हमलोग एक बार फिर सर्वोच्च न्यायालय से आग्रह करेंगे कि खड़ी फसल को बचाने के लिए वह कर्नाटक को पानी देने का निर्देश दे.

उधर शेट्टार ने कर्नाटक के लिए अतिरिक्त पानी का इंतजाम करने में असमर्थता व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार तमिलनाडु की मांग पूरी नहीं कर सकता क्योंकि उसे खुद ही सूखा, कमजोर मानसून और कम बारिश की समस्या से जूझना पड़ रहा है.

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शेट्टार ने कहा कि तमिलनाडु को जल देने से पहले हमें अपनी जरूरत देखनी है. चूंकि हमें अपने किसानों के लिए ही जल की आवश्यता है ऐसे में हम तमिलनाडु को और जल नहीं दे सकते.

उल्लेखनीय है कि सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कावेरी जल के बंटवारे को लेकर तमिलनाडु और कर्नाटक के बीच जारी विवाद को दूर करने के लिए दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बैठक करने का निर्देश दिया था.

न्यायमूर्ति डी. के. जैन तथा मदन बी. लोकुर ने सोमवार को कहा था कि दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों को दोनों राज्यों के किसानों के हितों को शीर्ष प्राथमिकता देनी चाहिए. न्यायालय अब इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को करेगा.

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