सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कावेरी जल विवाद के बारे में बड़ा फैसला दिया. सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के लिए पानी का कोटा तो घटाया लेकिन कर्नाटक सरकार को आदेश दिया कि वह तमिलनाडु के लिए 177.5 TMC पानी छोड़े. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि नदी पर किसी भी राज्य का दावा नहीं हो सकता. केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि सभी राज्यों को पानी बंटवारा सुनिश्चित करे और फैसले को लागू कराए. फैसले की बड़ी बातें..
1. तमिलनाडु को अब 177.25 क्यूसेक पानी मिलेगा, ट्राइब्यूनल के फैसले से 15 क्यूसेक घटा दिया गया. तमिलनाडु के लिए इस फैसले को झटका माना जा रहा है.
2. कर्नाटक के पानी का कोटा बढ़ा, अब 284.75 क्यूसेक पानी मिलेगा. कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जताई है.
3. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि नदी राष्ट्रीय संपत्ति है और किसी भी राज्य का दावा नहीं स्वीकार्य हो सकता है.
4. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फैसले को लागू कराने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है.
5. तमिलनाडु ने कावेरी बेसिन से तमिलनाडु को 10 टीएमसी ग्राउंड वाटर अतिरिक्त इस्तेमाल की इजाजत भी दी.
6. इससे पहले कर्नाटक ने तमिलनाडु को ये कहते हुए कावेरी का पानी देने से इंकार कर दिया था कि उनके अपने किसानों के लिए ही पानी पर्याप्त नहीं है.
7. तमिलनाडु को इस फैसले से झटका लगा है. राज्य सरकार ने कहा है कि इस फैसले के अध्ययन के बाद वे आगे की कार्रवाई तय करेंगे.
8. इस फैसले के मद्देनजर कर्नाटक तमिलनाडु बॉर्डर पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. फैसले के बाद कर्नाटक से तमिलनाडु आने वाली बसों को बर्डर के बाहर ही रोक दिया गया.
9. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में बंगलुरु के लिए 4.75 TMC पानी मंजूर किया.
10. 137 साल पुराने कावेरी जल विवाद को लेकर कर्नाटक-तमिलनाडु और केरल आमने-सामने हैं.