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कावेरी विवाद: कमल हासन के साथ दिखे रजनीकांत, धोनी की टीम से भी की अपील

रजनीकांत और कमल हासन के अलावा अभिनेता और रजनीकांत के दामाद धनुष, एम नासर, सत्यराज, विजय, विक्रम, शिवाकार्तिकेयन, प्रशांत, सूर्या, श्रीप्रिया, कस्तूरी, रेखा हैरिस और विशाल समेत कई कलाकार भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. इस विरोध प्रदर्शन में संगीतकार इलैयाराजा भी शामिल हुए. ये सभी केंद्र सरकार से इस विवाद को सुलझाने की मांग कर रहे हैं.

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कमल हासन और रजनीकांत
कमल हासन और रजनीकांत

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कर्नाटक और तमिलनाडु में कावेरी जल विवाद के मामले में रविवार को चेन्नई में विरोध प्रदर्शन हो रहा है. तमिलनाडु इस मामले में कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड के गठन की मांग कर रहा है. रविवार को चेन्नई में हुए विरोध प्रदर्शन में फिल्म अभिनेता से राजनेता बने रजनीकांत और कमल हासन एकसाथ नजर आए.

तमिलनाडु की फिल्मी बिरादरी जुटी

इन दोनों के अलावा अभिनेता और रजनीकांत के दामाद धनुष, एम नासर, सत्यराज, विजय, विक्रम, शिवाकार्तिकेयन, प्रशांत, सूर्या, श्रीप्रिया, कस्तूरी, रेखा हैरिस और विशाल समेत कई तमिल कलाकार भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. इस विरोध प्रदर्शन में संगीतकार इलैयाराजा भी शामिल हुए. ये सभी केंद्र सरकार से इस विवाद को सुलझाने की मांग कर रहे हैं.

धोनी की टीम से अपील

हाल ही में तमिलनाडु की राजनीति में आए रजनीकांत ने कहा, 'अगर सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार बोर्ड का गठन नहीं हुआ तो तमिलनाडु के लोगों के गुस्से की जिम्मेदार केंद्र सरकार होगी.' इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाड़ियों को इस मामले के विरोध में अपने हाथ में काला बैज बांधकर खेलने की कोशिश करनी चाहिए. रजनीकांत ने कहा कि इससे देश भर में संदेश जाएगा.

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पूरे तमिलनाडु राज्य में इन दिनों इस मामले पर विरोध प्रदर्शन तक चल रहा है. त्रिची में इस मामले में शुक्रवार को किसानों ने भी प्रदर्शन किया था. गुरुवार को डीएमके ने भी बंद का आह्वान किया था.

आईपीएल का भी विरोध

बता दें कि इन दिनों देश में आईपीएल खेला जा रहा है. इसके सात मैच चेन्नई में होने हैं. तमिलनाडु के राजनीतिक हलकों में इन मैचों के चेन्नई में आयोजन का भी विरोध हो रहा है. रजनीकांत ने कहा है कि इस समय राज्य में तनावग्रस्त हालात हैं. राज्य के लोग और किसान कावेरी जल विवाद को लेकर चिंतित हैं. ऐसे में अगर राज्य के लोग आईपीएल के मैचों का मजा लेंगे तो यह शर्म की बात होगी.

क्या है विवाद

आपको बता दें कि इसी साल 16 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने तमिलनाडु को मिलने वाले पानी में कटौती की थी और बेंगलुरु का हिस्सा बढ़ा दिया था. कोर्ट ने कर्नाटक को मिलने वाले पानी की मात्रा में 14.75 थाउजैंड मिलियन क्यूबिक (टीएमसी) फीट का इजाफा किया था और तमिलनाडु का इतना ही हिस्सा कम किया था. हालांकि कोर्ट ने तमिलनाडु को रिवर बेसिन से 10 टीएमसी फीट पानी निकालने की इजाजत दी थी. कोर्ट ने केंद्र को इस जल बंटवारे के लिए छह हफ्तों के भीतर कावेरी मैनेजमेंट बोर्ड के गठन का आदेश भी दिया था. यह समयसीमा 29 मार्च को पूरी हो गई.

कर्नाटक कर रहा विरोध

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तमिलनाडु की मांग है कि इस मामले में बोर्ड बनाया जाए, जबकि कर्नाटक बोर्ड के गठन का विरोध कर रहा है. कर्नाटक का कहना है कि बोर्ड का गठन किए बिना किसी और तरीके से कोर्ट के आदेश का पालन किया जाए. तमिलनाडु सरकार इस मामले में केंद्र की निष्क्रियता के विरोध में सुप्रीम कोर्ट भी पहुंची हुई है. इस केस की सुनवाई 9 अप्रैल यानी सोमवार को होनी है.

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