CBI की पुर्तगाल सरकार से किए वादे की चिंता ज्यादा है और गुनहगार गैंगस्टर अबू सलेम को सजा मिलने की फिक्र कम. 1993 के सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में गैंगस्टर अबू सलेम के खिलाफ कुछ आरोप हटाए जा सकते हैं. मुंबई की एक विशेष टाडा अदालत ने सीबीआई को इसकी इजाजत दे दी है.
सीबीआई ने पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह टाडा कानून, विस्फोटक पदार्थ कानून, शस्त्र कानून और विस्फोटक कानून के तहत लगाए गए कुछ आरोप सलेम के खिलाफ वापस लेना चाहती है क्योंकि उसने पुर्तगाल सरकार से ऐसा वादा किया था.
जांच एजेंसी के विशेष वकील दीपक साल्वी ने मंगलवार को यह कहते हुए अदालत में अर्जी दाखिल की कि वे 1993 के बम धमाकों के मामले में कुछ धाराएं हटाना चाहते हैं.
बीते 5 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि पुर्तगाल की संवैधानिक अदालत में प्रत्यर्पण खारिज कर दिए जाने के बावजूद सलेम का भारत में प्रत्यर्पण अब भी मान्य है. सलेम के प्रत्यर्पण के वक्त भारत ने पुर्तगाल सरकार को भरोसा दिलाया था कि उसके खिलाफ ऐसी कोई धारा नहीं लगाई जाएगी जिससे उसे मौत की सजा या 25 साल से ज्यादा की जेल की सजा हो. पर बाद में सलेम के खिलाफ ऐसी धाराएं लगा दी गई थीं.
विशेष न्यायाधीश जी ए सनाप ने सीबीआई को सलेम के खिलाफ ऐसी धाराएं हटाने की इजाजत दे दी. साल 1993 के बम धमाकों के आरोपी सलेम को लंबी कानूनी लड़ाई के बाद 11 नवंबर 2005 को पुर्तगाल से भारत लाया गया था.