साढ़े 3 हजार करोड़ के अगस्टा-वैस्टलैंड हेलीकॉप्टर डील में रिश्वतखोरी की जांच के लिए सीबीआई की टीम इटली रवाना हो गई है. सीबीआई की टीम के साथ रक्षा मंत्रालय के अधिकारी भी इटली रवाना हुए हैं.
अगस्टा-वैस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर डील में 350 करोड़ की रिश्वतखोरी का इल्जाम है. हालांकि इटली की अदालत ने जांच से संबंधित दस्तावेज भारत से साझा किए जाने से मना किया है लेकिन भारत से गई सीबीआई टीम इटली की जांच एजेंसियों से मिलकर पता लगाएगी कि घोटाले की जांच को भारत में कैसे आगे बढ़ाई जा सकती है.
सूत्रों के मुताबिक इस जांच टीम में सीबीआई के डीआईजी, लॉ अफसर, रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी और विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी शामिल हैं. हालांकि इस दल को एक दिन पहले ही रवाना होना था. लेकिन जांच के लिए विदेश जाने से पहले कुछ औपचारिकताएं पूरी करनी थीं, जिस वजह से टीम को एक दिन का समय लगा.
माना जा रहा है कि सीबीआई इटली की कोर्ट के जांच अधिकारियों से मिल कर तथ्य जुटाने की कोशिश करेगी. सूत्रों के मुताबिक इसके लिए सीबीआई ने इटली में एक वकील की सेवा भी ली है ताकि इतालवी कानून को समझने और दस्तावेज हासिल करने में आसानी हो.
माना जा रहा है कि सीबीआई के लिए तथ्य जुटाना आसान नहीं होगा. क्योंकि हाथ में जांच आने के चार दिन बाद तक सीबीआई के हाथ खाली हैं. सीबीआई ने किसी के खिलाफ केस भी दर्ज नहीं किया है.
इटली पहुंचने से पहले ही सीबीआई को बड़ा झटका लगा है. सूत्रों के मुताबिक हेलीकॉप्टर घोटाले में रक्षा मंत्रालय से सीबीआई को कोई जानकारी नहीं मिली है. दस्तावेज के नाम पर सीबीआई के पास सिर्फ भारतीय और इतालवी अखबरों की कतरनें हैं.