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राठौड़ के लिए अधिकतम सजा मांगी सीबीआई ने

सीबीआई ने रुचिका मामले में दोषी हरियाणा के पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौड़ के लिए एक अदालत से दो साल की कैद की सजा की मांग की है जो संबंधित धारा के अंतर्गत अधिकतम है जबकि अदालत ने याचिका पर सुनवाई आठ फरवरी तक के लिए टाल दी है.

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सीबीआई ने रुचिका मामले में दोषी हरियाणा के पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौड़ के लिए एक अदालत से दो साल की कैद की सजा की मांग की है जो संबंधित धारा के अंतर्गत अधिकतम है जबकि अदालत ने याचिका पर सुनवाई आठ फरवरी तक के लिए टाल दी है.

रुचिका के परिवार के वकील पंकज भारद्वाज ने कहा कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर.एस. अत्री ने सीबीआई की दलील पर और इसी याचिका के साथ शिकायतकर्ता मधु प्रकाश की पुनरीक्षा याचिका पर 68 वर्षीय राठौड़ को नोटिस भी जारी किया. 14 वर्षीय रुचिका के साथ 1990 में छेड़छाड़ के मामले में राठौड़ को सुनायी गयी छह महीने की सजा को चुनौती देते हुए सीबीआई ने गुरुवार को अदालत के समक्ष याचिका दाखिल की थी.

सीबीआई अदालत के मजिस्ट्रेट जे.एस. सिद्धू ने गत 21 दिसंबर को राठौड़ को इस मामले में दोषी करार दिया था और 10 हजार रुपये के जुर्माने के साथ छह महीने के सश्रम कारावास की सजा सुनायी. सजा की कम अवधि पर लोगों ने नाराजगी जतायी. सीबीआई और भारद्वाज दोनों ने ही राठौड़ के लिए आईपीसी की धारा 354 के तहत दो साल की अधिकतम सजा की मांग की है. सीबीआई ने अपनी अपील में आरोप लगाया कि कानून का रखवाला होकर भी राठौड़ ने बालिका के साथ छेड़छाड़ की, जो अपराध की गंभीरता को बढ़ाता है.

भारद्वाज ने अपनी पुनरीक्षा याचिका में कहा कि राठौड़ का रुचिका के साथ छेड़छाड़ का इरादा था और इस तरह वह उसके घर गये थे और बाद में उसके साथ छेड़छाड़ भी की. सीबीआई ने कहा कि रुचिका के साथ छेड़छाड़ के लिए उसी समय नहीं सोचा गया बल्कि यह पहले से ही तय कर लिया गया था. सीबीआई ने राठौड़ पर प्रत्यक्षदर्शियों को आतंकित करने का भी आरोप लगाया.

एक स्थानीय अदालत ने 13 जनवरी को राठौड़ की अपील स्वीकारते हुए जमानत प्रदान की थी और अंतिम सुनवाई के लिए आठ फरवरी की तारीख तय की. सीबीआई ने गुरुवार को निचली अदालत के फैसले के साथ और 21 अगस्त 1998 से चल रही कार्यवाही के बारे में विस्तृत ब्योरे के साथ याचिका दाखिल की थी. सीबीआई ने पहले कहा था कि वह राठौड़ की सजा बढ़ाने की मांग करने के लिए अदालत में जाएगी.

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