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आतंकवादी नहीं थी इशरत जहां, पोल खुलने के डर से मारा गया उसे

सीबीआई का दावा है कि 2004 में गुजरात पुलिस के एनकाउंटर में मारी गई मुंबई की कॉलेज स्टूडेंट इशरत जहां आतंकवादी नहीं थी. केंद्रीय जांच एजेंसी ने बुधवार को अहमदाबाद कोर्ट में पहली चार्जशीट पेश की. सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने दावा किया है कि एनकाउंटर में मारे गए तीन लोग आतंकवादी थे.

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ishrat jahan
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सीबीआई का दावा है कि 2004 में गुजरात पुलिस के एनकाउंटर में मारी गई मुंबई की कॉलेज स्टूडेंट इशरत जहां आतंकवादी नहीं थी. केंद्रीय जांच एजेंसी ने बुधवार को अहमदाबाद कोर्ट में पहली चार्जशीट पेश की. सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने दावा किया है कि एनकाउंटर में मारे गए तीन लोग आतंकवादी थे. इनके नाम जावेद, अमजद अली राणा और जौशीन थे. ये तीनों अहमदाबाद में आतंकवादी हमले की फिराक में थे. लेकिन गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी इनके टारगेट पर नहीं थे. एनकाउंटर में मारी गई इशरत को भी गुजरात पुलिस आतंकवादी बता रही थी, लेकिन सीबीआई के मुताबिक उसके आतंकवादी होने का कोई भी सबूत नहीं मिला है. इस मामले में सीबीआई ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर भी फिलहाल उंगली नहीं उठाई है.

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सीबीआई ने दावा किया है कि इशरत को सिर्फ इसलिए मार दिया गया क्योंकि उसने इंटेलिजेंस ब्यूरो के लोगों को कश्मीरी आतंकवादी अमजद अली राणा का अपहरण करते देख लिया था. सीबीआई ने फर्जी एनकाउंटर के पहले हुई घटनाओं का ब्यौरा दिया है. इसके मुताबिक इंटेलिजेंस ब्यूरो ने सबसे पहले दो पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया. उसके कुछ दिनों बाद इशरत और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया गया. इन चारों को आईबी ने दो तीन सप्ताह तक हिरासत में रखा. इस मामले को हैंडल कर रही टीम के हेड थे राजेंद्र कुमार. उनके साथ दो तीन जूनियर अफसर भी शामिल थे इसमें. आईबी की टीम ने इसके बाद इन चारों को गुजरात पुलिस को सौंप दिया. गुजरात पुलिस ने इशरत जहां को छोड़ दिया.मगर फिर कुछ दिनों बाद उसे दोबारा बुलाया गया. इशरत को अहमदाबाद के बाहर एक निर्जन इलाके में बुलाया गया था. यहां पर पुलिस जावेद, अमजद और जौशीन के साथ मौजूद थी.इसी स्पॉट पर चारों को मार दिया गया और उनके पास हथियारों की बरामदगी भी दिखा दी गई. दावा किया गया कि ये लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी थे और नरेंद्र मोदी को मारने के लिए अहमदाबाद आए थे.

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सीबीआई ने इस फर्जी एनकाउंटर में गुजरात पुलिस के तीन आला अधिकारियों पीपी पांडे. डी वंजारा और जी सिंघल को कटघरे में खड़ा किया है. पिछले दिनों यह बात सामने आई थी कि इनके अलावा सीबीआई इंटेलिजेंस ब्यूरो के डायरेक्टर राजेंद्र कुमार को भी गिरफ्त में लेने की तैयारी में है. इसको लेकर सीबीआई और आईबी के बीच तनातनी और विरोधी दावे शुरू हो गए. फिर केंद्र सरकार के दखल के बाद मामला शांत हुआ. इसी के चलते सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में राजेंद्र कुमार का जिक्र नहीं किया है.

स्टिंग ऑपरेशन होगा अहम सुबूत

एनकाउंटर करने वाली टीम में शामिल रहे आईपीएस अफसर जी सिंघल ने एक स्टिंग ऑपरेशन को अंजाम दिया था. सिंघल ने गुजरात सरकार से जुड़े लोगों और केस में शामिल कानूनी अधिकारियों के बीच बीच हुई एनकाउंटर संबंधी बातचीत को रेकॉर्ड कर लिया था. माना जा रहा है कि यह बातचीत केस में अहम कड़ी साबित होगी.

 

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