सीबीआई ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के सहयोगी विन्सेंट जॉर्ज के खिलाफ कथित आय से अधिक संपत्ति के मामले को पर्याप्त सबूतों के अभाव में बंद कर दिया है.
सीबीआई का मामला यह था कि जॉर्ज ने वर्ष 1990 के बाद कथित तौर पर काफी संपत्ति एकत्रित कर ली थी जिसमें दक्षिण दिल्ली में व्यावसायिक और आवासीय संपत्तियां, बेंगलूरु, चेन्नई और केरल में संपत्तियां तथा दिल्ली की सीमा से सटे खेती की जमीन के अलावा बैंक खातों में 1.5 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी शामिल है.
सीबीआई ने आरोप लगाया था कि जॉर्ज ने कथित तौर पर विदेश से प्राप्त नकदी का इस्तेमाल करते हुए संपत्तियां खरीदीं. जॉर्ज का दावा था कि विदेश से उनके परिजनों ने उपहार के तौर पर धन दिया.
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने कथित रूप से जॉर्ज द्वारा प्राप्त धन के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए अमेरिका को न्यायिक अनुरोध भेजा लेकिन उसे सूचना का एक हिस्सा ही प्राप्त हुआ जिसे सबूत के तौर पर अनुवादित नहीं किया जा सका. इस पर सीबीआई ने 23 मई को तीस हजारी अदालत में मामले को वापस लेने का मामला दायर किया.
सूत्रों ने कहा कि इस लेन-देन के हवाला की प्रकृति का होने का संदेह हुआ क्योंकि कथित अवैध धन को पहले विदेश ले जाया गया और उपहार के तौर पर लौटा दिया गया जो जॉर्ज के लिए सफेद धन था. सूत्रों ने बताया कि एजेंसी को इन लेन-देन के बारे में अमेरिकी अधिकारियों से कोई पूर्ण प्रतिक्रिया नहीं मिली. सीबीआई के पास जॉर्ज के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने की दिशा में आगे बढ़ने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे.
सीबीआई ने कथित तौर पर जॉर्ज की पत्नी द्वारा संचालित दो कंपनियों के ‘व्यापारिक लेन-देन’ का ब्योरा भी मांगा क्योंकि उन पर कथित रूप से अवैध धन को सफेद धन में बदलने के लिए एक और रास्ते का इस्तेमाल करने का भी संदेह था.
सूत्रों ने बताया कि एजेंसी वर्ष 2002 से ही अमेरिकी अधिकारियों से जानकारी प्राप्त करने का प्रयास किया लेकिन सूचना का एक हिस्सा ही प्राप्त होने के परिणामस्वरूप मामले को वापस लेना पड़ा.