कोल ब्लॉक आवंटन घोटाला मामले में एक विशेष अदालत ने आज पूर्व कोयला सचिव और दो सरकारी अधिकारियों सहित चार अन्य को जमानत दे दी. एच सी गुप्ता सहित पांच आरोपी और दो सीनियर अधिकारी के. एस. क्रोफा और के. सी. समरिया अपने खिलाफ जारी समन की तामील करते हुए अदालत में पेश हुए और मामले में जमानत का अनुरोध किया. दलीलें सुनने के बाद विशेष सीबीआई जज भरत पराशर ने सभी आरोपियों को जमानत दे दी. कोर्ट ने आरोपियों को एक-एक लाख रुपये निजी मुचलके पर रिहा किया.
गुप्ता के अलावा, तत्कालीन संयुक्त सचिव क्रोफा और तत्कालीन निदेशक पवन कुमार अहलुवालिया, चार्टर्ड अकाउंटेंट अमित गोयल और कंपनी के अधिकृत प्रतिनिधि अदालत के सामने पेश हुए. आरोपियों को आईपीसी की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 409 (लोक सेवक द्वारा आपराधिक विश्वासघात) और 420 (धोखाधड़ी) के तहत सभी को आरोपी के तौर पर पहले ही समन किया गया था. केवल गुप्ता को भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के तहत दंडनीय अपराध के लिए समन किया गया.
कोयला ब्लॉक आवंटन में कथित अनियमितता संबंधी मामले में सीबीआई की ओर से दायर क्लोजर रिपोर्ट को मंजूर करने से इनकार करते हुए अदालत ने मामले में इन सभी को आरोपी के तौर पर समन किया था. अदालत ने कल मामले में यह कहते हुए सीबीआई को आगे जांच बढ़ाने की अनुमति दे दी थी कि एजेंसी लोक सेवकों पर मुकदमा चलाने की अनुमति के लिए प्राधिकार के समक्ष मामले के रिकार्ड को रख सकती है.
अदालत ने सीबीआई से 15 दिसंबर को उसकी आगे की जांच की प्रगति रिपोर्ट भी पेश करने को कहा. साथ ही कहा कि एजेंसी को जरूरत पड़ने पर मामले के किसी अन्य पहलुओं की जांच की भी आजादी होनी चाहिए.
- इनपुट पीटीआई