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रेल घूसकांड में पवन बंसल से सीबीआई ने की पूछताछ

सीबीआई ने बताया कि यह एजेंसी रेल घूसकांड में पवन बंसल की रेलवे घूसकांड में कोई भूमिका थी या नहीं. पूछताछ सुबह 11 बजे शुरू हुई और शाम तक चलती रही.

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रेल घूसकांड में सीबीआई ने मंगलवार को पूर्व रेल मंत्री पवन बंसल से जरूरी पूछताछ की. पूछताछ दिल्ली के सीबीआई ऑफिस में, जो कि सीबीआइआई का गेस्ट हाउस भी है, में की गई. सीबीआई ने बताया यह जानने के लिए पूछताछ की कि पवन बंसल की रेलवे घूसकांड में कोई भूमिका थी या नहीं. पूछताछ सुबह 11 बजे शुरू हुई और शाम तक चलती रही.

सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई ने पवन बंसल से उनके भांजे विजय सिंगला की भूमिका से लेकर महेश कुमार से मुलाकात और राहुल भंडारी तक सवाल पूछे. बताया जाता है कि बंसल ने सिंगला को लेकर पूछे सवालों पर चुप्पी साधे रखी, लेकिन जब उनके पीएस रहे राहुल भंडारी को लेकर सवाल पूछे गए तो उसका बचाव किया.

गौरतलब है कि रेल घूसकांड में बंसल का भांजा विजय सिंगला शामिल था, जिसे कथित तौर पर 90 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था और इसी वजह से बंसल को इस्‍तीफा देना पड़ा था.

सीबीआई नियुक्ति से संबंधित सारी फाइलें हासिल कर चुकी है और कुमार, बंसल के भांजे और निजी सचिव राहुल भंडारी का बयान दर्ज कर चुकी है. अब जांच एजेंसी इस साल 16 अप्रैल को मुंबई में निलंबित रेलवे बोर्ड सदस्य के साथ बंसल की हुई बैठक के बारे में जुटाए गए सबूतों से उनका सामना कराएगी.

बंसल कथित तौर पर 16 अप्रैल को मुंबई में कुमार से मिले थे और एजेंसी ने दावा किया कि इस बैठक के दौरान कुमार की नियुक्ति की पुष्टि हुई थी. वह महाप्रबंधक (पश्चिम) थे. सीबीआई सूत्रों ने बताया कि सिंगला और उसके सहायकों से पूछताछ से एजेंसी को ‘प्राधिकार की भूमिका समझ में आई, जिसे कुमार के पद को सदस्य (स्टाफ) से सदस्य (इलेक्ट्रिकल) के तौर पर बदलना था और उन्हें महाप्रबंधक (पश्चिम) का अतिरिक्त प्रभार रखे रहने देता.’

बोर्ड के सदस्यों की लैटरल शिफ्टिंग उसी तरीके से होती है जैसे नए सदस्यों की नियुक्ति. इसे सतर्कता अनुमति और मंत्रिमंडल की नियुक्ति मामलों की समिति की मंजूरी के बाद अंतिम रूप दिया जाता है. सूत्रों ने बताया कि टैप की गई कुछ टेलीफोनिक बातचीत है, जिसे बंसल से पूछताछ के दौरान उनके सामने रखा जा सकता है.

महेश कुमार और सिंगला की निगरानी रखे जाने के दौरान 1000 से अधिक फोन कॉल टैप किए गए. सीबीआई ने मामले में अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. सूत्रों ने दावा किया कि ये कॉल घोटाले के चार अहम किरदारों कुमार, सिंगला, बिचौलिया मंजूनाथ और संदीप गोयल के बीच हैं. सूत्रों ने दावा किया कि सीबीआई की निगरानी के दौरान सिंगला अक्सर पूर्व रेल मंत्री के आवास और रेल भवन में पाए गए.

उन्होंने बताया कि जांच के अनुसार रिश्वत की शुरुआती रकम बैंगलोर से हाथ से ढोकर नहीं लायी गई थी बल्कि हवाला के जरिए लाई गई थी और मंजूनाथ ने कथित तौर पर दिल्ली में अपने संपर्क सूत्रों के जरिए धन का प्रबंध किया और इसे सिंगला के आवास पर चंडीगढ़ में पहुंचवाया.

एजेंसी ने आरोप लगाया कि 90 लाख रुपये का कथित आंशिक भुगतान सिंगला के पास पहुंचाया जा चुका था. उसके बाद उसने उनके परिसरों की तलाशी ली और रिश्वत की रकम बरामद की. कुमार को इस बीच जीएम (पश्चिम) से रेलवे बोर्ड में सदस्य (स्टाफ) के तौर पर पदोन्नत किया जा चुका था. हालांकि, कुमार की इस पद में दिलचस्पी नहीं थी.

उसके बाद उन्होंने कथित तौर पर गोयल को जीएम (पश्चिम) का अतिरिक्त प्रभार बरकरार रखने में मदद करने को कहा. इसके लिए बिचौलिए ने तत्काल भुगतान के तौर पर दो करोड़ रुपये की मांग की.ृहालांकि, सूत्रों ने बताया कि ऐसे कॉल रिकॉर्ड हैं जिसमें सिंगला कथित तौर पर कुमार को आश्वस्त कर रहा है कि काम हो जाएगा. कुमार को कथित तौर पर आश्वस्त किया गया कि आर्थिक पारितोषण के एवज में वह सदस्य (इलेक्ट्रिकल) का लाभकर पद पाएंगे.

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