सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दावा किया है कि चिट फंड घोटाले में घिरे शारदा ग्रुप की कंपनियों से उन्हें 1.4 करोड़ रुपये रिश्वत मिले. सीबीआई के प्रवक्ता अभिषेक दयाल ने यहां कहा कि आरोप है कि उन्होंने शारदा समूह की कंपनियों की धनराशि के गबन और फर्जीवाड़े के मकसद से शारदा ग्रुप के मालिक सुदीप्त सेन और अन्य आरोपी लोगों के साथ आपराधिक साजिश की.
अभिषेक दयाल ने कहा कि सीबीआई ने आरोप लगाया है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह की अलग रह रहीं पत्नी मनोरंजना सिंह ने सेन का परिचय नलिनी चिदंबरम से कराया ताकि वह सेबी, आरओसी जैसी विभिन्न एजेंसियों की जांच को प्रभावित कर सकें और इसके लिए उनकी कंपनियों के जरिए 2010-12 के दौरान उन्हें कथित तौर पर 1.4 करोड़ रुपये मिले.
उन्होंने कहा कि कोलकाता में विशेष अदालत में आरोपपत्र दाखिल किया गया है. शारदा ग्रुप ने आकर्षक ब्याज दर का झांसा देकर लोगों से 2,500 करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए लेकिन लोगों के पैसे नहीं लौटाए गए. सुदीप्त सेन ने भुगतान नहीं कर पाने के बाद 2013 में कंपनी का कामकाज बंद कर दिया था. बता दें कि शारदा घोटाले में यह छठा आरोपपत्र है. सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में मामले का जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा था.
चिदंबरम को गिरफ्तारी से राहत
इधर दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति के खिलाफ सीबीआई और ईडी द्वारा एयरसेल मैक्सिस घोटाले के सिलसिले में दर्ज मामलों में गिरफ्तारी पर रोक की अवधि एक फरवरी तक बढ़ा दी है. सीबीआई की तरफ से पेश सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने विशेष सीबीआई अदालत को बताया कि मामले में जारी जांच पूरी होने वाली है. इसके बाद विशेष न्यायाधीश ओ पी सैनी ने मामले में सुनवाई की अगली तारीख एक फरवरी तय की.
पी चिदंबरम और कार्ति की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और ए एम सिंघवी ने गिरफ्तारी से छूट की अवधि बढ़ाने की मांग की थी. सीबीआई ने अदालत को यह भी बताया कि मामले में आरोपी कुछ लोकसेवकों के अभियोजन के लिये आवश्यक मंजूरी हासिल कर ली गई है.
एजेंसी ने पहले कहा था कि पी चिदंबरम के लिए ऐसी ही मंजूरी हासिल की जा चुकी है. अदालत ने सीबीआई के मामले के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज धनशोधन मामले में सुनवाई अगली तारीख तक के लिये स्थगित कर दी। ईडी के विशेष लोक अभियोजक नितेश राणा ने इस संदर्भ में अनुरोध किया था.
इस मामले में सीबीआई द्वारा 19 जुलाई को दायर आरोप-पत्र में चिदंबरम और उनके बेटे का नाम था. एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश के समक्ष एक पूरक आरोप-पत्र दायर किया था, जिन्होंने इस पर विचार के लिए 31 जुलाई की तारीख तय की थी. यह मामला एयरसेल मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्द्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी देने में कथित अनियमितता से जुड़ा है.
(भाषा से इनपुट)