सीबीआई ने 1391 करोड़ रुपये के एम्ब्रायर एयरक्राफ्ट डील के मामले में एफआईआर दर्ज कर लिया है. रक्षा सलाहकार और एनआरआई विपिन खन्ना को अभियुक्त बनाया गया है. एम्ब्रायर एयरक्राफ्ट डील 2008 में यूपीए के शासनकाल में हुई थी. सीबीआई ने कहा है कि विपिन खन्ना ने पैसे लिए और उसे दूसरों तक पहुंचाए भी.
36.5 करोड़ रुपये दिए गए कमीशन
इससे पहले सीबीआई ने एम्ब्रायर एयरक्राफ्ट डील की शुरुआती जांच में पाया था कि करीब 36.5 करोड़ रुपये कमीशन के तौर पर दिए गए. सीबीआई का कहना था कि ब्राजील की कंपनी से हुई इस डील में कमीशन की राशि विदेश में दी गई.
एक ब्राजीली अखबार ने हाल में आरोप लगाया था कि कंपनी ने सउदी अरब और भारत में सौदा हासिल करने के लिए बिचौलियों की सेवा ली थी. भारत के रक्षा खरीद नियमों के अनुसार इस तरह के सौदे में बिचौलियों पर सख्ती से प्रतिबंध है. ब्राजील के अखबार ‘फोल्हा डि साओ पाउलो’ ने लिखा था कि कंपनी ने ब्रिटेन में रहने वाले एक रक्षा एजेंट को भारत के साथ सौदे को अंतिम रूप देने के लिए कथित तौर पर कमीशन का भुगतान किया था.
तीन विमानों की हुई थी खरीद
डीआरडीओ ने कंपनी से 2008 में तीन विमानों की खरीद की थी और भारतीय वायु सेना के लिए हवाई रडार प्रणाली एयर बॉर्न अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम्स या अवाक्स में इस्तेमाल के अनुरूप ढाला था. रिपोर्ट में कहा गया था कि कंपनी के खिलाफ अमेरिकी न्याय विभाग 2010 से ही जांच कर रहा है जब डोमिनिक गणराज्य के साथ अनुबंध को लेकर अमेरिका को संदेह हुआ था. तब से जांच के दायरे को आठ और देशों के साथ व्यापारिक लेन-देन की जांच के लिए बढ़ा दिया गया है.