सीबीआई ने बहुचर्चित आदर्श सोसायटी घोटाले में केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे को क्लीन चिट दे दी है.
गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण वातेगांवकर ने बॉम्बे हाई कोर्ट ने एक आवेदन देकर सीबीआई को यह निर्देश देने का आग्रह किया था कि वह केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे को आदर्श सोसाइटी घोटाले में आरोपी बनाए क्योंकि वह कथित रूप से इस इमारत में एक बेनामी फ्लैट के मालिक हैं. प्रवीण वातेगांवकर का आरोप है कि शिंदे ने सोसाइटी के सदस्य के रूप में मेजर एन. खानखोजे को शामिल करने की सलाह दी थी.
इसके जवाब में सीबीआई ने हलफनामा दायर करके बॉम्बे कोर्ट को बताया कि घोटाले की जांच के दौरान ऐसा कोई भी तथ्य सामने नहीं आया जिससे माना जा सके कि सुशील शिंदे ने अपने सरकारी पद का गलत इस्तेमाल किया हो, ताकि रिटायर्ड सेनाधिकारी एन एम खानखोजे को आदर्श कॉपरेटिव हाउसिंग सोसायटी में को शामिल किया जाए.
सीबीआई ने कहा कि किसी तरह की साजिश का पता नहीं चलता. जांच के दौरान जो तथ्य सामने आए उसके आधार पर सीबीआई को नहीं लगता है कि सुशील शिंदे को आदर्श घोटाले में आरोपी बनाया जाए.
सीबीआई ने अपने हलफनामे में यह भी कहा है कि हमें शिंदे और मेजर खानखोजे के किसी पारिवारिक रिश्ते का भी नहीं पता चला है. चार्जशीट में कहा गया है कि प्रोमटर कन्हैयालाल गिडवानी ने सोसायटी में गैर-सैनिक क्षेत्र लोगों को शामिल किया था. गिडवानी ने आदर्श कमीशन के समक्ष भी कभी यह नहीं कहा था कि खानखोजे को शिंदे की पैरवी पर शामिल किया गया.