इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्हा ने दावा किया कि इस जांच एजेंसी ने कभी भी अपने उसूलों से समझौता नहीं किया. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने 50 साल से ज्यादा वक्त से देश की जनता, अदालतों और अन्य संस्थानों का भरोसा हासिल किया है.
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के सेशन, 'सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इंडिपेंडेंस' में सीबीआई के निदेशक रंजीत सिन्हा ने शिरकत की और अपने विचार रखे. उन्होंने कहा कि सीबीआई ने हमेशा वही करने की कोशिश की, जो कानूनी रूप से जायज है.
सीबीआई की 'आजादी' के मसले पर रंजीत सिन्हा ने कहा कि स्वायत्तता और जवाबदेही, दोनों एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं. दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू हैं, जिन्हें अलग नहीं किया जा सकता है.
अपने विवादास्पद बयान और सीबीआई पर कोर्ट की कड़ी टिप्पणियों की वजह से सुर्खियों में रहे सिन्हा ने कहा कि एजेंसी द्वारा जांच की अधिकतम अवधि तय होनी चाहिए. उन्होंने सीबीआई पर काम के लगातार बढ़ते बोझ और सीमित संसाधनों का भी जिक्र किया.
रंजीत सिन्हा ने एक सवाल के जवाब में बताया कि सीबीआई सिर्फ केस दर्ज हो जाने भर से किसी की गिरफ्तारी नहीं करती. उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी तब की जाती है, जब वैसा करना कानूनी तौर पर जरूरी हो जाता है.
सीबीआई को 'कांग्रेस ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन' कहे जाने पर उन्होंने कहा कि यह ठीक नहीं है. इस तरह के आरोपों का कोई आधार नहीं है.
रंजीत सिन्हा बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी है, जिन्हें 7 बार बड़े पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है. इनमें पुलिस मेडल भी शामिल है.
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