गुजरात की भाजपा सरकार के लिए बड़ा झटका माने जाने वाले एक फैसले में सीबीआई ने प्रदेश के गृह राज्य मंत्री अमित शाह को सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ मामले में हत्या का आरोपी बनाया है. वहीं उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो जाने के बाद मंत्री की गिरफ्तारी के आसार बन गए हैं.
मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी मामने जाने वाले शाह पिछले कई दिनों से सार्वजनिक रूप से नहीं दिखे हैं और वह कार्यालय एवं कैबिनेट की बैठकों से भी दूर रहे हैं. इसके पहले सीबीआई ने उन्हें शुक्रवार दोपहर एक बजे पूछताछ के लिए समन जारी किया था. उन्हें दो दिन में दो बार समन जारी किए गए लेकिन वह सीबीआई के समक्ष पेश नहीं हुए.
सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश जी के उपाध्याय ने शाह की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी. इससे उनके गिरफ्तार किए जाने की संभावना बढ़ गयी है. शाह के दूसरी बार भी जांच एजेंसी के सामने उपस्थित नहीं होने पर सीबीआई ने उनके कार्यालय और निवासों पर टीमें भेजी और उनके स्टाफ के बयान दर्ज किए. लेकिन सीबीआई को शाह का पता नहीं लगा.
जांच एजेंसी ने शाह के अलावा कुछ आईपीएस अधिकारियों सहित 15 लोगों को आरोपपत्र में शामिल किया है. शाह को आरोपियों की संख्या में 13वें नंबर पर रखा गया है और आरोपपत्र में जिक्र किया गया है कि उनकी गिरफ्तारी नहीं हुयी है. सीबीआई ने एक बयान में कहा कि फर्जी मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन की मौत और उसकी पत्नी कौसरबी की हत्या के मामले में 15 आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. {mospagebreak}
सीबीआई की जांच पांच राज्यों गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र में फैली हुयी है. शाह के समन के बारे में बयान में कहा गया है कि वह पेश नहीं हुए और इस कारण उनसे पूछताछ किए बिना आरोपपत्र दाखिल किया गया है. हत्या के अलावा 15 आरोपियों के खिलाफ आपराधिक षडयंत्र, अवैध तरीके से हिरासत में रखना, अपरहण और सबूतों के साथ छेड़छाड़ आदि आरोप भी शामिल हैं.
उच्चतम न्यायालय के आदेश पर सीबीआई 26 नवंबर 2005 की घटना की फिर से जांच कर रही है. आरोपियों में अभय चूडासमा, डी बी बंजारा, दिनेश एम एन और राजकुमार पांडियन (सभी आईपीएस) तथा आठ अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं. यह पूछे जाने पर कि क्या शाह को गिरफ्तार करने के लिए टीमें भेजी गयी हैं, सीबीआई सूत्रों ने स्पष्ट जवाब देने से बचते हुए कहा, ‘हां, हमने टीमें भेजी हैं.’
मामले में शाह को शुक्रवार को एक बजे सीबीआई के सामने पेश होने के लिए समन जारी किया गया था. लेकिन उनके बदले उनके वकील मितेश अमीन सीबीआई कार्यालय में उपस्थित हुए तथा उन्होंने और समय एवं प्रश्नावली की मांग की. लेकिन सीबीआई ने अमीन के दोनों अनुरोध को अस्वीकार कर दिया.