पश्चिम बंगाल के शारदा चिट फंड घोटाला मामले में सीबीआई की टीम कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से शिलॉन्ग में आज लगातार दूसरे दिन पूछताछ करेगी. वहीं तृणमूल कांग्रेस के पूर्व सांसद कुणाल घोष भी सीबीआई के समक्ष पूछताछ के लिए पेश होंगे. शनिवार को शिलॉन्ग पहुंचे कुणाल घोष ने कहा कि उन्हें सीबीआई ने रविवार सुबह 10 बजे पूछताछ के लिए बुलाया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में पूछताछ की जगह शिलॉन्ग तय की थी और यह भी कहा था कि इस दौरान सीबीआई राजीव कुमार को गिरफ्तार नहीं कर सकती.
सीबीआई के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने शनिवार को राजीव कुमार से 8 घंटे तक पूछताछ की. राजीव कुमार पर आरोप है कि उन्होंने शारदा घोटाले के अहम सबूतों से छेड़छाड़ की है. यह पूछताछ शिलॉन्ग के ऑकलैंड स्थित सीबीआई दफ्तर में हुई. राजीव कुमार के वकील बिश्वजीत देब ने बताया कि वह सीबीआई के साथ सहयोग कर रहे हैं. देब ने शनिवार को कहा कि राजीव कुमार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर यहां आए हैं. उन्होंने पहले भी बात मानी है और अब भी आदेश का पालन कर रहे हैं.
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में शारदा चिट फंड घोटाले के खुलासे के बाद राज्य सरकार ने मामले की जांच के लिए जिस एसआईटी का गठन किया था, राजीव कुमार उसके अध्यक्ष थे. लेकिन बाद में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यह मामला सीबीआई को सौंप दिया गया. राजीव कुमार के वकील ने बताया कि कुमार दूसरे दिन भी सीबीआई दफ्तर में मौजूद रहेंगे. उधर सीबीआई सूत्रों के हवाले से खबर है कि जांच एजेंसी राजीव कुमार और कुणाल घोष का आमना-सामना करा सकती है.
दरअसल सीबीआई तृणमूल कांग्रेस से निष्कासित कुणाल घोष की प्रवर्तन निदेशालय को लिखी चिट्ठी पर भरोसा कर रही है जिसमें इस घोटाले की जांच के तौर तरीके में राजीव कुमार की भूमिका का जिक्र है. कुणाल घोष ने शारदा चिट फंड घोटाले का ठीकरा बीजेपी नेता मुकुल राय (तब टीएमसी में थे) और 12 अन्य लोगों पर फोड़ा था. मुकुल राय कभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खासमखास हुआ करते थे, लेकिन अब बीजेपी में हैं.
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अपने आदेश में कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने और जांच में सहयोग करने का आदेश दिया था. हालांकि कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि सीबीआई इस दौरान उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकती. साथ ही कोर्ट ने दोनो पक्षों की सहमति से पूछताछ के लिए शिलॉन्ग को चुना था.
सीबीआई की टीम पिछले रविवार कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ करने उनके आवास पर गई थी. लेकिन पुलिस ने सीबीआई के अधिकारियों को आवास में दाखिल होने से रोक दिया और उन्हें हिरासत में ले लिया. हालांकि बाद में गृह मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद सीबीआई के अधिकारियों को छोड़ दिया गया. जिसके बाद सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. तो वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीबीआई के इस एक्शन को राजनीति से प्रेरित और संघीय ढांचे पर हमला बताते हुए धरने पर बैठ गई थीं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश को अपनी जीत बताते हुए 2 दिन बाद उन्होंने अपना धरना खत्म किया था.