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चिदंबरम से पूछताछ के दौरान सीबीआई को मिले शेल कंपनियों के सबूत

राउज़ एवेन्यू कोर्ट से पी. चिदंबरम को सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया था. आज सोमवार को सुनवाई होनी है. इस बीच सीबीआई को इस मामले में कई बातें पता चली हैं. इसमें यूके-स्विट्जरलैंड-सिंगापुर में कई शेल कंपनियां के बारे में अहम जानकारी शामिल है.

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पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम
पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम

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  • चिदंबरम मामले में जारी है सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई
  • चिदंबरम की आज खत्म हो रही है सीबीआई रिमांड
  • CBI की पूछताछ में सामने आईं कई जानकारियां

पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस के बड़े नेता पी. चिदंबरम इस वक्त INX मीडिया केस में सीबीआई की गिरफ्त में हैं. राउज़ एवेन्यू कोर्ट से पी. चिदंबरम को सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया था. आज सोमवार को सुनवाई भी होनी है. इस बीच सीबीआई को इस मामले में कई अहम जानकारी पता चली है. इसमें यूके-स्विटरजरलैंड-सिंगापुर में कई शेल कंपनियां होने की जानकारी शामिल है.

पी. चिदंबरम से पूछताछ के दौरान ये बातें सामने आई हैं. फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट को जानकारी मिली है कि इस मामले में यूनाइटेड किंगडम, स्विटजरलैंड, सिंगापुर में शेल कंपनियों द्वारा बैक अकाउंट खोले गए हैं. पूछताछ के दौरान सीबीआई ने पी. चिदंबरम के बयान को दर्ज किए गए हैं.

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सीबीआई ने पूछताछ के दौरान पी. चिदंबरम को फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (FIPB) अप्रूवल की कुछ लिस्ट सौंपी. जिसमें कुछ अप्रूवल उनके वित्त मंत्री रहते हुए दिए गए थे. इस दौरान सीबीआई ने पूर्व वित्त मंत्री से इसके प्रोसीजर के बारे में पूछा. पूछताछ में 2004 से 2008 और 2012 से 2014 के बीच FIPB अप्रूवल के बारे में जानकारी ली गई.

पूछताछ के दौरान बताया गया कि जब सुब्बाराव FIPB बोर्ड के प्रमुख थे तो INX मीडिया को क्लीयिरंस मिले थे. इस दौरान ये भी बात सामने आई कि कागजातों में सबकुछ सही था, लेकिन उसके बावजूद FIPB बोर्ड ने तबके वित्त मंत्री (पी. चिदंबरम) से इजाजत लेने को कहा गया.

आपको बता दें कि पी. चिदंबरम चार दिन की सीबीआई हिरासत में हैं और इसकी अवधि सोमवार को खत्म हो रही है. ऐसे में आज राउज़ एवेन्यू कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी है, जहां पर सीबीआई की तरफ से रिमांड बढ़ाने की अपील की जा सकती है.

पी. चिदंबरम से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट में भी सुना गया है, जहां पर दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत ना देने और सीबीआई के द्वारा गिरफ्तार किए जाने को लेकर याचिका दायर की गई है. हालांकि, ये दोनों ही याचिका सर्वोच्च अदालत से खारिज हो गई हैं, जो कि पूर्व वित्त मंत्री के लिए झटका माना जा रहा है.

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