देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई के स्पेशल जज बीएच लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत की जांच के मामले की सुनवाई 5 फरवरी को भी जारी रहेगी.
मुख्य न्यायाधीश (CJI) दीपक मिश्रा ने सुनवाई के दौरान कहा कि सोहराबुद्दीन केस पर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता. मामला साफ है, केवल जज लोया की मौत के बारे में सुनवाई हो रही है, अन्य किसी मामले की नहीं.
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस मसले को काफी गंभीर बताया था. कोर्ट ने इस केस से जुड़े सभी मामलों की सुनवाई हाईकोर्ट में करने पर रोक लगा दी थी. 22 जनवरी को मामले से जुड़े सभी केसों को सुप्रीम कोर्ट ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया.
मामले की सुनवाई CJI दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच कर रही है. पिछली बार सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षकारों को अपने सभी दस्तावेजों को सीलबंद लिफाफे में सौंपने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए कहा था कि कई अखबार और मीडिया ग्रुप ने जज लोया की मौत पर सवाल उठाया है. कोर्ट ने कहा है कि मामले की सुनवाई नियमानुसार होगी. सभी वकीलों को कोर्ट के साथ कॉपरेट करना चाहिए.
बता दें कि जज लोया बहुचर्चित गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख इनकाउंटर मामले की सुनवाई कर रहे थे. 2005 में सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर को गुजरात पुलिस ने अगवा किया और हैदराबाद में हुई कथित मुठभेड़ में उन्हें मार दिया गया था. सोहराबुद्दीन मुठभेड़ के गवाह तुलसीराम की भी मौत हो गई थी. इस मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का भी नाम जुड़ा था.
जज लोया की मौत से जुड़े मामले पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश दस्तावेज पर कहा कि वर्तमान याचिका बहुत गंभीर है और हमें सभी दस्तावेजों को देखना होगा. साथ ही यह भी कहा कि जज लोया की मौत से जुड़े किसी भी दस्तावेज को सुप्रीम कोर्ट में जमा कराया जाए.
मामले से जुड़े ट्रायल को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र में ट्रांसफर किया था. इस मामले की सुनवाई पहले जज उत्पत कर रहे थे, लेकिन इस मामले में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के सुनवाई में पेश नहीं होने पर नाराजगी व्यक्त की थी. जिसके बाद उनका तबादला हो गया था. इसके बाद जज लोया के पास इस मामले की सुनवाई आई थी.
1 दिसंबर, 2014 में जज लोया की नागपुर में मौत हो गई थी. जिसे संदिग्ध माना गया था. जज लोया की मौत के बाद जिस जज ने इस मामले की सुनवाई की, उन्होंने अमित शाह को मामले में बरी कर दिया था.
कुछ दिन पहले एक पत्रिका ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि जज लोया की मौत साधारण नहीं थी बल्कि संदिग्ध थी. जिसके बाद से ही यह मामला दोबारा चर्चा में आया. लगातार इस मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी भी जारी रही है. हालांकि, जज लोया के बेटे अनुज लोया ने कुछ दिन पहले ही प्रेस कांफ्रेंस कर इस मुद्दे को बड़ा करने पर नाराजगी जताई थी. अनुज ने कहा था कि उनके पिता की मौत प्राकृतिक थी, वह इस मसले को बढ़ना देने नहीं चाहते.