गूगल पर मैप के जरिए संवेदनशील जानकारियां सार्वजनिक करने के आरोपों की जांच पर सीबीआई क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर सकती है. बताया जाता है कि ऐसा सबूतों के अभाव में किया जा सकता है.
भारतीय सर्वेक्षण विभाग का आरोप है कि गूगल के कार्यक्रम मैपथॉन-2013 में कंपनी ने लोगों से मैप पर जानकारियां डालने को कहा गया, जिससे कई संवेदनशील इलाकों की जानकारियां भी सार्वजनिक हो गईं. सीबीआई ने मामले में कंपनी के चार अधिकारियों से इस बाबत सफाई मांगी है, जिसमें दो विदेशी भी शामिल हैं. ऐसा इसलिए किया गया है ताकि यह पता चल सके कि कहीं यह सब नेशनल मैप पॉलिसी का उल्लंघन तो नहीं है.
भारतीय सर्वेक्षण विभाग के आरोप हैं कि गूगल ने संवेदनशील इलाकों की जानकारियां जुटाईं और उन्हें बगैर अनुमति के अमेरिकी सर्वरों पर भेजा. 'हिंदुस्तान टाइम्स' की खबर के मुताबिक, सीबीआई सूत्रों ने बताया कि सबूतों की कमी के कारण एजेंसी इस जांच को बंद करने की तैयारी में है.
मामले में अभी तक लंदन में गूगल के अधिकारी और तकनीकी विशेषज्ञों से पूछताछ की गई है. इसमें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के अलावा कैलिफोर्निया से भारत आए एक विशेषज्ञ से पूछताछ शामिल है. गृह मंत्रालय ने सबसे पहले मामले की जांच दिल्ली पुलिस को सौंपी थी, जिसके बाद इसे सीबीआई के हवाले कर दिया गया.
भारतीय सर्वेक्षण विभाग का कहना है कि आरोपों के बावजूद गूगल नहीं रुकी और जानकारियों सार्वजनिक की. इस दौरान कई ऐसे मिलिट्री इंस्टॉलेशन की जानकारी भी सार्वजनिक हो गई, जो राष्ट्रहित में नहीं है.