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तुलसी प्रजापति केस: CBI कर सकती है BJP नेता प्रकाश जावड़ेकर, भूपेंद्र यादव से पूछताछ

बीजेपी के राज्यसभा सदस्य प्रकाश जावडेकर, भूपेंद्र यादव और पार्टी महासचिव रामलाल से सीबीआई कर सकती है. ये लोग उस स्टिंग ऑपरेशन में दिखे थे जिसमें वे कथित तौर पर फर्जी मुठभेड़ में मारे गए तुलसी प्रजापति की मां को प्रभावित करने के उपायों पर चर्चा कर रहे थे.

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प्रकाश जावडेकर
प्रकाश जावडेकर

बीजेपी के राज्यसभा सदस्य प्रकाश जावडेकर, भूपेंद्र यादव और पार्टी महासचिव रामलाल से सीबीआई कर सकती है. ये लोग उस स्टिंग ऑपरेशन में दिखे थे जिसमें वे कथित तौर पर फर्जी मुठभेड़ में मारे गए तुलसी प्रजापति की मां को प्रभावित करने के उपायों पर चर्चा कर रहे थे.

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सूत्रों ने बताया कि जावडेकर, यादव और रामलाल से सीबीआई ने संपर्क किया है और एक पत्रकार द्वारा किए गए स्टिंग ऑपरेशन के संबंध में पूछताछ के लिए एजेंसी अपने समक्ष उपस्थित होने के लिए उनसे कह सकती है.

सीबीआई या बीजेपी सूत्रों से अभी इस बात का पता नहीं चल सका है कि कब पार्टी के तीनों नेताओं से पूछताछ की जाएगी. तीनों नेताओं ने आरोप का खंडन किया है और कहा है कि वे निर्दोष हैं. जावडेकर ने कहा है कि वह सीडी से संबंधित सभी सवालों के जवाब देने को तैयार हैं.

स्टिंग ऑपरेशन में नेताओं को कथित तौर पर इस बात पर चर्चा करते दिखाया गया है कि कैसे प्रजापति की मां नर्मदाबाई को समझाया जा सकता है कि वह अपना वकालतनामा बदलें. नर्मदाबाई ने यह आरोप लगाते हुए मामला दायर किया है कि उनके बेटे की फर्जी मुठभेड़ में हत्या की गई है. हालांकि, बीजेपी ने दावा किया है कि स्टिंग ऑपरेशन में तीनों नेताओं के खिलाफ कुछ भी अभियोगात्मक नहीं है.

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इस बीच, सीबीआई ने फर्जी मुठभेड़ के एक अन्य शिकार सोहराबुद्दीन शेख के भाई रूबाबुद्दीन से बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की ओर से प्रजापति की फर्जी मुठभेड़ में हत्या की जांच पटरी से उतारने की कथित साजिश के आरोपों के सिलसिले में पूछताछ की. प्रजापति फर्जी मुठभेड़ मामले में गुजरात के पूर्व मंत्री अमित शाह भी आरोपी हैं. प्रजापति सोहराबुद्दीन का मित्र था.

सीबीआई सूत्रों ने कहा कि रूबाबुद्दीन को स्टिंग ऑपरेशन के सिलसिले में गवाह के तौर पर बुलाया गया. प्रजापति कथित तौर पर सोहराबुद्दीन की हत्या का गवाह था. सोहराबुद्दीन की फर्जी मुठभेड़ में गुजरात में हत्या किए जाने के एक साल बाद दिसंबर 2006 में प्रजापति की भी हत्या कर दी गई थी. स्टिंग ऑपरेशन करने वाले पत्रकार ने आरोप लगाया था कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता न्यायिक कार्यवाही को कथित तौर पर उलटने के लिए नर्मदाबाई से बिना तारीख वाला सादा ‘वकालतनामा’ हासिल करने में कामयाब रहे.

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