अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदा मामले में सीबीआई को कुछ नई जानकारियों मिली हैं. भारत सरकार ने इस संबंध में सूचना के लिए 8 देशों से संपर्क किया था और उनसे मिली जानकारियों के बाद सीबीआई कई लोगों से पूछताछ की तैयारी में है. सूत्रों के मुताबिक, सीबीआई इस संबंध में कुछ नेताओं से भी पूछताछ कर सकती है.
इतालवी रक्षा एवं एयरोस्पेस कंपनी ने भारत सरकार से 3,600 करोड़ रुपये में 12 वीवीआईपी हेलीकॉप्टर बिक्री की डील की थी. इस सौदे में 450 करोड़ रुपये की रिश्वत के कथित लेन-देन के आरोप लगे थे और सीबीआई ने इस संबंध में पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी को गिरफ्तार किया था.
अगस्ता वेस्टलैंड चॉपर डील में गलत ‘अकाउंटिंग’ और भ्रष्टाचार करने को लेकर उसकी अनुषंगी कंपनी फिनमेकानिका के पूर्व प्रमुख गुसेप ओर्सी को साढ़े चार साल कैद की सजा सुनाई गई है. इतालवी कोर्ट के आदेश में अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ बुर्नो स्पागनोलीनी को भी चार साल कैद की सजा सुनाई गई थी. ओर्सी और स्पागनोलीनी दोनों पर अंतरराष्ट्रीय भ्रष्टाचार और भारत के साथ अनुबंध में करीब 4,250 करोड़ रुपये के रिश्वत के लेने-देन के सिलसिले में फर्जी बिल बनाने का आरोप है.
बिचौलिये की डायरी से अहम खुलासे
वहीं इस सौदे के मुख्य बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल की डायरी वीवीआईपी चॉपर घोटाले की अंदरूनी जानकारी मिलती है. काफी सावधानी से तैयार की गई यह डायरी अब इंडिया टुडे टीवी के पास है, जिससे पता चलता है कि कुछ करोड़ यूरो की बदौलत पूरे भारतीय सिस्टम में हेरफेर किया गया.
मिशेल ही वह महत्वपूर्ण मोहरा है जिसने चॉपर घोटोल में सारा बंदोबस्त किया और उसे यह सौदा कराने के लिए मोटी फीस दी गई. मिशेल के नेटवर्क से जुड़े एजेंट भारत सरकार के हर गतिविधि की जानकारी उसे देते थे. कोई भी महत्वपूर्ण बैठक होती तो उसे पहले से पता चल जाता था. जहां जरूरत होती थी वह पैसा फेंकने के लिए तैयार रहता था. इस काम के लिए उसके पास 5.2 करोड़ यूरो का बजट था.
अगस्ता डील पर मुहर के लिए दी गई थी 115 करोड़ की घूस
घूसखोरी के विवरण से पता चलता है कि मिशेल ने भारतीय वायु सेना के चार अधिकारियों को कुल मिलाकर 60 लाख यूरो का घूस दिया था. यही नहीं, तत्कालीन रक्षा मंत्री ए के एंटनी के मंत्रालय के कई अधिकारियों को भी घूस दिए गए. विवरण के अनुसार रक्षा मंत्रालय के कम से कम छह वरिष्ठ अधिकारियों को 84 लाख यूरो की भारी-भरकम रकम दी गई. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राजनेताओं को दी जाने वाली भारी-भरकम रकम का ब्योरा भी डायरी के नोट्स में दिया गया है. CBI में उच्च पदस्थ सूत्रों से इंडिया टुडे को हासिल मिशेल की डायरियों से ये खुलासा हुआ है कि यूपीए शासन में अगस्ता वेस्टलैंड डील पर मुहर लगवाने के इरादे से भारत के सबसे रसूखदार सियासी परिवारों में से एक को 1.6 करोड़ यूरो (115 करोड़ रुपये) तक जितनी मोटी घूस दी गई थी.
इंडिया टुडे नेटवर्क ने जब मिशेल से संपर्क किया, तो उसने डील से जुड़े कुछ ई-मेल्स और फैक्स भेजना स्वीकार किया. मिशेल के मुताबिक, उसने 8 साल पहले इन्हें यूरोप में बैठे अपने आकाओं को भेजा था. उसने कहा कि वह CBI की जांच का सामना करने के लिए भारत आने पर विचार कर रहा है.