गुजरात में 2004 में हुए इशरत जहां मुठभेड़ केस की जांच कर रही सीबीआई टीम ने अपने लिए सुरक्षा की मांग की है. इस आशय की एक चिट्ठी जांच एजेंसी ने महाराष्ट्र सरकार, गुजरात सरकार और केंद्र सरकार को भेजी है. इसमें कहा गया है कि जो अधिकारी इस मामले को लेकर दोनों राज्यों का दौरा कर रहे हैं औऱ दूसरी जांच पूरी करने में लगे हैं, उनकी सुरक्षा के लिए संबंधित सरकारें ध्यान दें और आवश्यक कदम उठाएं. गौरतलब है कि इस मुठभेड़ की जांच को लेकर पहले से ही केंद्र सरकार की दो एजेंसियां सीबीआई और आईबी आमने सामने हैं. दोनों के आरोपों के बीच नरेंद्र मोदी बार बार यह बात दोहरा रहे हैं कि सरकार उनको जबरन फंसाने के लिए सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है औऱ इस फेर में आईबी का मनोबल तोड़ा जा रहा है. दरअसल आईबी के फीडबैक के आधार पर ही गुजरात पुलिस ने 2004 में इशरत जहां और उसके तीन साथियों का अहमदाबाद के पास एनकाउंटर किया था. आरोप था कि ये चारों नरेंद्र मोदी औऱ दूसरे बीजेपी नेताओं को मारने के लिए गुजरात आए थे औऱ ऐसा पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर ए तैयबा के इशारे पर कर रहे थे.
मगर एनकाउंटर के कुछ दिनों बाद ही इसकी वैधता को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई. कई जांच दलों से गुजर कर मामला कोर्ट में पहुंचा. यहां गुजरात पुलिस ने कहा कि आईबी के मौजूदा स्पेशल डायरेक्टर राजेंद्र कुमार की टीम से मिली लीड को फॉलो करते हुए यह ऑपरेशन किया गया. इसके बाद मामले की जांच कर रही सीबीआई राजेंद्र कुमार को शिकंजे में लेने की कोशिश करने लगी. अपने अधिकारी को जांच के दायरे में आता देखकर गृह मंत्रालय भी बचाव की मुद्रा में आ गया.
इन सबसे मोदी को सीबीआई के दुरुपयोग के अपने आरोप को मांजने की युक्ति मिल गई. इस बीच ये नई चिट्ठी प्रकाश में आई है, जिससे मामलें के जुडे़ अधिकारियों का डर सामने आ गया है. वैसे इन्हें मोदी ने अपनी पिछली दो सार्वजनिक सभाओं में भी हिदायत दी है कि ध्यान रखो. सरकारें बदल जाती हैं.