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यादव सिंह पर CBI जांच के खिलाफ SC पहुंची UP सरकार

पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह की अकूत संपत्तियों की सीबीआई जांच के खिलाफ यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगायी है. इसमें कहा गया है की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बिना सरकार का पक्ष जाने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए. केंद्र सरकार के कहने पर बिना राज्य सरकार से पूछे मामले को सीबीआई को सौंपा गया, जो संघीय व्यवस्था के खिलाफ है. हाई कोर्ट के इस फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है.

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सुप्रीम कोर्ट (फाइल)
सुप्रीम कोर्ट (फाइल)

पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह की अकूत संपत्तियों की सीबीआई जांच के खिलाफ यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगायी है. इसमें कहा गया है की इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बिना सरकार का पक्ष जाने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए. केंद्र सरकार के कहने पर बिना राज्य सरकार से पूछे मामले को सीबीआई को सौंपा गया, जो संघीय व्यवस्था के खिलाफ है. हाई कोर्ट के इस फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है.

यूपी सरकार द्वारा दायर इस याचिका में कहा गया है की यादव सिंह की संपत्तियों की जांच के लिए पहले ही स्पेशल इनवेस्टिगेटिव सेल बना दिया गया है. ऐसे में सीबीआई जांच की क्या ज़रुरत है. सीबीआई इस मामले में अब तक यादव सिंह और उनके परिवार के कई लोगों के खिलाफ मुक़दमे दर्ज कर चुकी है. बुधवार को यादव सिंह की पत्नी और बहू को पूछताछ के लिए अपने साथ ले गई.

बताते चलें कि 16 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने यादव सिंह मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. इस मामले में सीबीआई जांच की मांग को लेकर आईजी अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर ने एक जनहित याचिका दायर की थी. उनका कहना था कि यादव सिंह मामले की जांच एसआईटी, ईडी और इनकम टैक्स कर रही थी. इस पर केवल वित्तीय जुर्माना लगाकर छोड़ दिया जाता.

यादव सिंह
आरोप है की उन्होंने काली कमाई से नोएडा समेत कई जगहों पर 20 हजार करोड़ का साम्राज्य खड़ा किया है. पिछले साल नवम्बर में आयकर विभाग के छापे में अरबो की संपत्ति का खुलासा हुआ था. इस मामले में शुरू से ही अखिलेश सरकार यादव सिंह मामले की सीबीआई जांच से इनकार करती रही है. उधर, यूपी सरकार ने साधा केन्द्र पर निशाना साधते हुए कहा कि व्यापम में सीबीआई जांच को लेकर केन्द्र ने इतनी तत्परता क्यों नहीं दिखाई.

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