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जेल में इंद्राणी से CBI ने की पूछताछ, जेल अधिकारियों ने खुदकुशी के प्रयास की बात खारिज की

सनसनीखेज शीना बोरा हत्या मामले में सीबीआई की दो सदस्यीय टीम ने इंद्राणी मुखर्जी से मुम्बई की भायखला जेल में शनिवार को करीब छह घंटे तक पूछताछ की. सीबीआई इस हत्याकांड की जांच के साथ-साथ इंद्राणी के अस्पताल में भर्ती होने और उसके कारणों की भी जांच कर रही है.

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इंद्राणी मुखर्जी (फाइल फोटो)
इंद्राणी मुखर्जी (फाइल फोटो)

सनसनीखेज शीना बोरा हत्या मामले में सीबीआई की दो सदस्यीय टीम ने इंद्राणी मुखर्जी से मुम्बई की भायखला जेल में शनिवार को करीब छह घंटे तक पूछताछ की. सीबीआई इस हत्याकांड की जांच के साथ-साथ इंद्राणी के अस्पताल में भर्ती होने और उसके कारणों की भी जांच कर रही है.

मामले में नया मोड़
इस बीच, शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी के पिछले सप्ताह अस्पताल में भर्ती होने की घटना में जांच में शनिवार को उस समय नया मोड़ आ गया जब जेल अधिकारियों ने जहर दिये जाने या खुदकुशी के प्रयास की बात खारिज करते हुए दावा किया कि उन्हें न तो दवा की अधिक खुराक दी गई थी और न ही जहर दिया गया था.

जेल महानिरीक्षक बिपिन कुमार सिंह ने कहा, ‘न तो दवा की अधिक खुराक ली गई और न ही जहर दिया गया. उनकी हालत और ज्यादा खराब हो सकती थी क्योंकि उन्होंने थोड़े समय से दवाएं लेना बंद कर दिया था और वह कमजोरी से पीड़ित थीं.’ उन्होंने कहा कि इंद्राणी पहले भी कई बार बेहोश हो चुकी हैं.

जेल अधिकारी ने कहा ‘मेरा यह निष्कर्ष है कि किसी गड़बड़ी या साजिश का कोई सबूत नहीं है. आत्महत्या के प्रयास का भी कोई सबूत नहीं है.’ महाराष्ट्र के प्रधान सचिव (गृह) विजय बहादुर सिंह ने मीडिया रिपोर्ट के संदर्भ में कहा कि उनके मूत्र के नमूनों में कोकीन की मात्रा बहुत कम थी.

उन्होंने कहा कि कोकीन की मात्रा न के बराबर थी और चूंकि वह अवसाद रोधी और बेचैनी रोधी दवाएं ले रही थीं, यह मूत्र में कोकीन की मात्रा का कारण हो सकता है. एडीजी (जेल) भूषण कुमार उपाध्याय ने कहा कि किसी व्यक्ति द्वारा फलों और सब्जियों में कीटनाशक की मौजूदगी भी इन परीक्षणों में कोकीन की उपस्थिति दर्शाती है.

सतबीर सिंह ने कहा, ‘उनके मूत्र में कोकीन की मात्रा 35 नैनोग्राम प्रति मिलीलीटर रक्त थी जबकि सामान्य स्तर 300 नैनोग्राम तक होता है.’ आईजी बिपिन कुमार सिंह ने कहा कि आठ सितंबर को इंद्राणी जेल में बेहोश हो गई थी और जेल डाक्टरों द्वारा उन्हें दवाएं दी जा रही थी.

उन्होंने कहा, ‘अगले दिन जेजे अस्पताल के एक मनोचिकित्सक ने उनका इलाज किया. दस सितंबर को उन्होंने बदनदर्द, नींद में कमी और बेचैनी की शिकायत की और इसके बाद जेल के डॉक्टरों ने उनका इलाज किया. फिर उन्होंने 12 से 26 सितंबर तक दवाएं लीं जबकि 26 सितंबर से दो अक्तूबर तक उन्होंने कोई दवा नहीं ली.’ इंद्राणी को दो अक्तूबर को बेहोश होने के बाद भायकुला जेल से सरकारी जेजे अस्पताल ले जाया गया था.

जेल महानिरीक्षक बिपिन कुमार सिंह ने कहा कि उन्होंने 32 लोगों के बयान दर्ज किये हैं और राज्य सरकार द्वारा घोषित आदेश पर जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज का अध्ययन किया. सिंह ने कहा कि एफएसएल रिपोर्ट में कहा गया कि कोई जहर नहीं मिला. इंद्राणी ने कभी छिपकर भी कोई दवा नहीं खाई, उन्होंने हमेशा जेलकर्मियों के सामने दवा खाई.

जेल से इंद्राणी ने अपने पति पीटर मुखर्जी को चार पत्र लिखे और उन्हें दो पत्र मिले. उन्होंने कहा, ‘किसी परिजन ने उनसे जेल में मुलाकात नहीं की जबकि ब्रिटिश महावाणिज्यदूतावास के अधिकारी उनसे सोमवार को जेल में मुलाकात करेंगे.'

इस बीच, महाराष्ट्र के गृह सचिव विजय सतबीर सिंह ने कहा कि इंद्राणी का सैंपल प्राइवेट अस्पताल में भेजना एक गलती थी. इससे मीडिया में गलत तरह की रिपोर्टें लीक हुईं.

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