सीबीआई ने मध्यप्रदेश के व्यापम मामलों से कथित रूप से जुड़े नौ लोगों के संदिग्ध मौतों को लेकर शनिवार को प्राथमिक जांच दर्ज की. जांच एजेंसी अब ये पता लगाने में जुट गई है कि ये 9 मौतें घोटाले से जुड़ी हैं या नहीं.
आनंद सिंह, आशुतोष तिवारी, ज्ञान सिंह, अनंत राम टैगोर, रावेन्द्र प्रकाश सिंह, प्रेम लता पांडेय, विकास पांडेय, राजेन्द्र आर्य और संजय कुमार यादव की मौतों से यह जांच जुड़ी हुई है.
दावों के अनुसार ऐसे हुई इन 9 लोगों की मौत
-घोटाले में दलाली करने के आरोपी आनंद सिंह की साल 2013 में सड़क हादसे में मौत हुई
-ग्वालियर स्थित गजरा राता मेडिकल कॉलेज के छात्र आशुतोष तिवारी की 2013 में कथित रूप से दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गयी थी.
-राजेन्द्र आर्य की मौत लीवर की बीमारी के कारण हुई.
-कॉन्स्टेबल भर्ती घोटाले के महत्वपूर्ण गवाह संजय कुमार यादव की मौत भी लीवर की परेशानी के कारण होने का दावा किया गया.
-अनंत राम टैगोर, जिसके बेटे को कथित रूप से व्यापम के माध्यम से कॉलेज में दाखिला मिला था, की मौत अज्ञात बीमारी के कारण हुई.
-रावेन्द्र प्रकाश सिंह की मौत संदिग्ध जहर या संदिग्ध बीमारी के कारण हुई
-विकास पांडेय की मौत का कारण ब्रेन हैमरेज बताया गया है.
-ज्ञान सिंह की मौत दवाओं के रिएक्शन के कारण हुई.
-संविदा शिक्षक घोटाले में संदिग्ध प्रेम लता पांडेय की मौत लीवर कैंसर के कारण हुई.
CBI ने दर्ज किए दो और केस
सीबीआई ने दो और मामलों में कुल 175 लोगों को आरोपी बनाया है.
-संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा (वर्ग 3), 2011: व्यापम की ओर से कराई गई इस परीक्षा में 99 लोग आरोपी हैं.
-संविदा शाला शिक्षक पात्रता परीक्षा (वर्ग 2), 2011: इस मामले में 76 लोग आरोपी हैं
भाषा से इनपुट