कोयला घोटाला मामले में सीबीआई डायरेक्टर रंजीत सिन्हा के खिलाफ आम आदमी पार्टी नेता और पेशे से वकील प्रशांत भूषण की अर्जी पर शुक्रवार को काफी तीखी बहस देखने को मिली.
भूषण ने सिन्हा के खिलाफ हलफ़नामा देकर आरोप लगाया है कि रंजीत सिन्हा 15 महीनों में 90 बार अपने सरकारी आवास पर हवाला कारोबारी और आयकर जांच के दायरे में आये मुईन कुरैशी से मिल चुके हैं.
भूषण, रंजीत सिन्हा पर कोयला घोटाले और 2जी घोटाला के आरोपियों से अपने सरकारी आवास पर मिलने का आरोप पहले ही लगा चुके हैं. भूषण ने आरोप लगाया कि हो सकता हो मुईन कुरैशी कोयला घोटाले के आरोपियों और सीबीआई डायरेक्टर के बीच की कड़ी की तरह काम कर रहे हों.
भूषण के इन आरोपों पर रंजीत सिन्हा के वकील विकास सिंह ने सख्त एतराज जताया. बहस कई बार तीखी हो गई तो चीफ जस्टिस आर एम लोधा की बेंच ने दोनों पक्षों को संयम बरतने को कहा. कोर्ट ने कहा, 'अगर देश की पहली कोर्ट में ये हो रहा है तो देश की बाकी कोर्ट में क्या माहौल होता होगा.'
रंजीत सिन्हा के वकील विकास सिंह कोर्ट के कई बार समझाने पर भी नहीं माने तो कोर्ट ने उन्हें कड़ी फ़टकार भी लगाई. कोर्ट ने कहा, 'आप सारी हदें पर चुके हैं. आप कोर्ट की कार्यवाही को इस तरह अगवा नहीं कर सकते. हमारी छूट का आप इस तरह ग़लत फ़ायदा ना उठायें.'
प्रशांत भूषण ने एक बार फिर मांग की कि सिन्हा को कोयला घोटाले की जांच से हटाया जाए और उनके खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिये एसआईटी का गठन हो लेकिन कोर्ट ने ऐसा करने से फिलहाल मना कर दिया.
रंजीत सिन्हा के वकील विकास सिंह ने अदालत से कहा कि प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट के न्यायधीश पर भी भरोसा नहीं है. उन्होंने 2जी मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस एच एल दत्तू की बेंच के निर्देश के बावजूद भी बेंच को उस सूत्र का नाम बताने से मना कर दिया, जिसने उन्हें विज़िटर रजिस्टर मुहैया कराया.
विकास सिंह ने कहा कि भूषण सिर्फ खबरों में बने रहने के लिये ये सब कर रहे हैं. किसी और के इशारे पर ये सब करके वो सीबीआई और सीबीआई निदेशक की छवि खराब कर रहे हैं.
सुनवाई के दौरान सीबीआई ने अदालत में कहा कि जो विज़िटर रजिस्टर भूषण ने अदालत में दिए हैं उनकी कोई प्रमाणिकता नहीं है और वो फर्जी भी हो सकते हैं. इस पर भूषण ने अदालत से कहा कि सीबीआई की तरफ से पेश हो रहे वकील अमरेंद्र शरण के इस बयान को रिकॉर्ड पर लिया जाए.
चीफ जस्टिस आर एम लोढा समेत तीन जजों की बेंच ने केंद्र सरकार की तरफ से पेश हो रहे एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से पूछा कि मुईन कुरैशी के खिलाफ चल रही आय कर जांच की रिपोर्ट कब तक आयेगी. जवाब में रोहतगी ने कहा कि 4 हफ़्ते लगेंगे लेकिन हम कोशिश करेंगे कि ये 2 हफ़्ते में हो जाये.
कोर्ट ने केंद्र सरकार को 17 अक्टूबर तक मुईन कुरैशी के खिलाफ चल रही आयकर जांच की रिपोर्ट अदालत में जमा करने का निर्देश दिया. बेंच ने सीबीआई को भी निर्दश दिया कि जबतक इस मामले का निपटारा नहीं जाता कोयला घोटाला मामले में निचली अदालत में कोई भी चार्जशीट या क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल ना करें.
27 सितंबर को मुख्य न्यायधीश आर एम लोढा रिटायर हो रहे हैं और इसके बाद बेंच में मौजूद बाकी दो न्यायधीशों के अलावा कोई नया न्यायधीश शामिल होगा और 17 अक्टूबर को इस मामले की अगली सुनवाई होगी.