सुप्रीम कोर्ट ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले की सीबीआई की जांच में कथित हस्तक्षेप के लिए आज केंद्र सरकार की आलोचना की. कोर्ट ने सीबीआई के निदेशक को इस बारे में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा कि क्या केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार ने सीबीआई जांच की मसौदा रिपोर्ट में बदलाव किए थे?
सीबीआई को सरकारी प्रभाव से मुक्त करने की जरूरत पर जोर देते हुए न्यायमूर्ति आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि हलफनामा जांच एजेंसी के निदेशक की ओर से दायर किया जाना चाहिए और यह 'पूर्ण तथा सही' होना चाहिए.
कोर्ट ने कोयला ब्लॉक आवंटन घोटाले की जांच में शामिल अधिकारियों के नाम और अन्य जानकारियां मांगी हैं. करीब 2 घंटे तक चली सुनवाई के दौरान न्यायालय ने जानना चाहा कि क्या केंद्रीय कानून मंत्री अश्विनी कुमार को जांच एजेंसियों की स्टेटस रिपोर्ट देखने का अधिकार है?
कोर्ट ने यह भी कहा कि जिस तरह से जांच में हस्तक्षेप किया गया, उससे जांच एजेंसी की स्वतंत्रता प्रभावित हुई है.
सुप्रीम कोर्ट में सरकार की बड़ी किरकरी हुई है. कोयला घोटाले पर सीबीआई के हलफनामे को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के स्टेटस रिपोर्ट को साझा करने को चिंताजनक बताया और कहा कि ये भरोसा तोड़ने वाली बात है. सुप्रीम कोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट को सरकार के साथ साझा करने को मुनासिब नहीं माना और सीबीआई से पूछा कि इस बाबत कोर्ट को अंधेरे में क्यों रखा गया. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सियासी दखल से मुक्त कराने पर जोर देते हुए कहा, ‘सीबीआई को राजनीतिक शिकंजे से आजाद किया जाए.’
रिपोर्ट साझा करने की बात को आम बात नहीं मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया कि उसे नेताओं से निर्देश लेने की जरूरत नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी पर बीजेपी नेता बलबीर पुंज ने सरकार से इस्तीफा देने की मांग की है. उधर, विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है और कहा है कि कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए.