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CBSE चीफ बोलीं- छात्रों के भले के लिए लिया दोबारा परीक्षा का फैसला

सीबीएसई चीफ अनीता करवाल ने पेपर लीक पर कहा कि हम बच्चों के भले के लिए ही काम कर रहे हैं. बहुत जल्द दोबारा परीक्षा के दिन का ऐलान कर दिया जाएगा.

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सीबीएसई चीफ अनीता करवाल
सीबीएसई चीफ अनीता करवाल

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सीबीएसई चीफ अनीता करवाल ने पेपर लीक पर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ी है. आज जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि 16 लाख बच्चों के भविष्य का क्या होगा? इस पर उन्होंने कहा कि हम बच्चों के भले के लिए ही काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने बच्चों की भलाई के लिए फैसला लिया है. बहुत जल्द दोबारा होने वाली परीक्षा की तारीख का ऐलान कर दिया जाएगा.

इधर पेपर लीक मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने आज कई लोगों से इस मामले में पूछताछ की.  दिल्ली के स्पेशल सीपी आरपी उपाध्याय ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले में नए खुलासे के बारे में मीडिया को बताया. आरपी उपाध्याय ने बताया कि सीबीएसई के रीजनल डायरेक्टर की शिकायत पर 2 केस दर्ज किए गए हैं. 27 मार्च को पहला केस दर्ज हुआ. 28 मार्च को दूसरा केस दर्ज किया गया. क्राइम ब्रांच के आलोक कुमार इस जांच को लीड कर रहे हैं. 25 लोगों से अब तक पूछताछ हुई हे. 18 छात्रों से भी पूछताछ हुई है, जिसमें 5 पहले ईयर के छात्र हैं. साथ 5 ट्यूटर्स हैं. पेपर परीक्षा होने से बहुत पहले लीक हो चुका था. आरपी उपाध्याय ने बताया कि हम जांच द्वारा पेपर लीक करने वाले शख्स तक पहुंचाना चाह रहे हैं. आरपी उपाध्यााय ने बताया कि अब तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है.

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इस मामले में नया खुलासा हुआ है कि परीक्षा से 24 घंटे पहले 34 छात्रों के पास लीक पेपर पहुंचा था. 10वीं के 24 छात्रों के पास मैथ्स और 12वीं के इकनॉमिक्से के 10 छात्रों के पास लीक पेपर वॉट्सऐप के जरि‍ए पहुंचा था. इन सभी 34 छात्रों से क्राइम ब्रांच पूछताछ करेगी.

इस मामले में राजनीति भी तेज हो गई है. सीबीएसई पेपर लीक मामले में कांग्रेस ने केंद्र सरकार के खिलाफ जबरदस्त हमला बोला है. कांग्रेस नेता सुरजेवाला ने कहा कि देश के करोड़ों बेरोजगार युवा सड़कों पर हैं और मोदी सरकार व्यवस्थागत तरीके से एक-एक कर देश की संस्थाओं को तबाह कर रही है. दरअसल, केंद्र सरकार ने संस्थाओं को बर्बाद करने में पीएचडी हासिल कर ली है.

सुरजेवाला ने कहा कि एग्जाम माफिया छात्रों के भविष्य को बर्बाद कर रहे हैं और एचआरडी मंत्री इसे स्वीकारने के बजाय पश्चिम बंगाल के अपने विपक्षियों पर हमले करने में व्यस्त हैं. 16.38 लाख छात्र 10वीं की परीक्षा दे रहे हैं, जबकि तकरीबन 8 लाख छात्र 12वीं की परीक्षा दे रहे हैं. क्या वे अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए रि-एग्जाम वॉरियर हो गए हैं. 

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